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चीन के नेतृत्व वाले विकास बैंक पर अमेरिका ने बदले सुर

चीन के नेतृत्व वाले एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) पर अब अमेरिका के सुर भी बदल गए हैं। एआइआइबी से जुड़ने के लिए मंगलवार को खत्म हो रही आवेदन की समयसीमा से पहले अमेरिका ने इससे जुड़ने के संकेत दिए हैं।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2015 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 09:23 PM (IST)

बीजिंग। चीन के नेतृत्व वाले एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) पर अब अमेरिका के सुर भी बदल गए हैं। एआइआइबी से जुड़ने के लिए मंगलवार को खत्म हो रही आवेदन की समयसीमा से पहले अमेरिका ने इससे जुड़ने के संकेत दिए हैं। यह कदम अपेक्षित ही था।

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खासतौर से तब जब अमेरिका की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए उसके तमाम सहयोगी पहले ही बैंक से जुड़ने का एलान कर चुके हैं। बीते साल राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 50 अरब डॉलर के इस बैंक की नींव रखी थी। भारत इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल है। सोमवार को मिस्र ने भी बैंक से जुड़ने की घोषणा की।

अमेरिकी वित्त मंत्री जैकब ल्यू ने कहा कि अमेरिका बैंक को सहयोग दे सकता है। बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करने वाले हर प्रस्ताव का वह स्वागत और समर्थन करता है। बैंक से जुड़ने के लिए आवेदन की अंतिम तारीख से पहले ल्यू के यहां अचानक पहुंचने से इस बात की अटकलें तेज हो गईं कि वह इस संबंध में चीन के साथ तालमेल बैठाने में जुट गया है।

अब तक अमेरिका प्रस्तावित बैंक की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाता रहा है। हकीकत में वह इस बैंक को विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) के प्रतिस्पर्धी के रूप में देख रहा है। एआइआइबी का मुख्यालय बीजिंग में होगा। यह एशियाई देशों में बुनियादी ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को मदद मुहैया कराएगा।


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