विदेशी निवेश की खातिर खुलेंगे कुछ और दरवाजे
अर्थव्यवस्था के अधिकांश मोर्चे पर भले ही संप्रग सरकार असफल रही है, लेकिन पीएम का दावा है कि आर्थिक सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यहां तक कि सरकार के शेष बचे पांच-छह महीनों के दौरान भी आर्थिक सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने साफ संकेत दिए कि कुछ
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के अधिकांश मोर्चे पर भले ही संप्रग सरकार असफल रही है, लेकिन पीएम का दावा है कि आर्थिक सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यहां तक कि सरकार के शेष बचे पांच-छह महीनों के दौरान भी आर्थिक सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने साफ संकेत दिए कि कुछ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में सरकार विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई जाएगी।
शुक्रवार को प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री से अर्थव्यवस्था की बदलाव स्थिति के बारे में कई सवाल पूछे गए। संप्रग के कार्यकाल के दौरान आर्थिक विकास दर के पांच फीसद से भी नीचे चले जाने के पीछे उन्होंने बाहरी कारकों को प्रमुख वजह बताया। साथ ही, यह स्वीकार किया कि ढांचागत क्षेत्र की कमी और समय पर फैसले नहीं होने के चलते भी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। लेकिन सरकार की तरफ से हाल में जो कदम उठाए गए हैं उनका सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे देश एक बार फिर तेज आर्थिक विकास दर की तरफ अग्रसर होगा। पीएम ने विदेशी निवेशकों को भरोसा दिलाया कि भारत में निवेश करना उनके लिए अभी भी फायदे का सौदा है।
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पिछले एक वर्ष के दौरान कई घरेलू क्षेत्रों को विदेशी निवेशकों के लिए खोलने के बाद माना जा रहा है कि संप्रग सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम समय रेलवे सहित कुछ अन्य क्षेत्रों में भी एफडीआइ की अनुमति देगी। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए इस महीने के अंत तक भेजे जाने के आसार हैं। पीएम ने कहा कि जब तक देश में गरीबी है, तब तक सुधार कार्यक्रम जारी रहेंगे। उद्यमशीलता व रोजगार को बढ़ाने और विकास दर को पटरी पर लाने के लिए सरकार अपनी नीतियां जारी रखेगी।
आर्थिक विकास दर के तलहटी में जाने के बावजूद मनमोहन ने कहा कि संप्रग की नीतियों की वजह से करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला जा सका है। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि संप्रग सरकार ने हाल में जो कदम उठाए हैं, उसकी वजह से आर्थिक विकास दर निश्चित तौर पर तेज होगी।