कोरोना वायरस महामारी को मौके में बदलने के लिए सरकार कर सकती है समूहों की स्थापना, वाणिज्य मंत्रालय को देंगे सुझाव
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के बेहतर प्रयासों के कारण विश्व में भारत की एक सकारात्मक इमेज बनी है।
नई दिल्ली, आईएएनएस। केंद्र सरकार दुनिया में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए मौजूदा लॉकडाउन को मैन्युफैक्चरिंग कौशल का निर्धारित क्षेत्रों में पड़े पैमाने तक विस्तार करने के मौके में बदलने की योजना बना रही है। वाणिज्य मंत्रालय 4-5 नए और पुराने विचारकों के छोटे-छोटे ग्रुप्स बनाने पर विचार कर रहा है, जो उसे दुनिया में भारत के आर्थिक प्रभुत्व के लिए रोडमैप सुझा सकें और इस संबंध में सलाह दे सकें। इन समूहों को विशेष कार्य के साथ ऐसे क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, जहां नई सोच के साथ युवा दिमाग अनुभवी लोगों के निर्देशन में इस देश को विश्व के नक्शे पर एक अहम पहचान बनाने की दिशा में काम करेंगे।
इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, 'विश्व मानचित्र में मजबूती के साथ उभरने के लिए भारत के पास इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के बेहतर प्रयासों के कारण विश्व में भारत की एक सकारात्मक इमेज बनी है। इसी तरह भारत ने दुनिया के कई विकसित देशों को इस लड़ाई से लड़ने के लिए कई तरह की प्रमुख दवाईयां भी उपलब्ध कराई है। देश के बारे में हमें और अधिक सकारात्मकता लानी होगी, ताकि भारत वास्तव में एक बड़ी वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर सके।'
इन प्रस्तावित ग्रुप्स के सदस्यों का प्रमुख लक्ष्य इन दो बातों पर मंथन करना होगा कि विश्व में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए भारत को कोरोना के प्रकोप के बाद क्या रणनीति अपनानी चाहिए और दूसरा यह कि छोटा सोचने के बजाए बड़ा सोचा जाए। नई मैन्युफैक्चरिंग रणनीति में मुख्य क्षमता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने पर फोकस रहेगा, जैसा कि चीन द्वारा किया गया और दुसरा उन क्षेत्रों की पहचान करना, जिनमें भारत के पास क्षमताएं हैं, लेकिन अभी भी वह उन क्षेत्रों से जुड़ा आयात कर रहा है। मैन्युफैक्चरिंग रणनीति में फोकस उन्नत बाजारों में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए गुणवत्ता और दक्षता पर भी ध्यान देना भी होगा।