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दालों की कीमतों पर सरकार सतर्क, जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश

दाल की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार सख्त नजर आ रही है। सरकार ने जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 20 Apr 2016 09:32 PM (IST)Updated: Thu, 21 Apr 2016 08:24 AM (IST)
दालों की कीमतों पर सरकार सतर्क, जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दालों की जमाखोरी करने वाले व्यापारियों की अब खैर नहीं। सरकार दलहन की कीमतों पर पल-पल नजर रख रही है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र ने राज्यों को जमाखोरी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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दाल की कीमतें पिछले साल के खुदरा मूल्य 200 रुपये प्रति किलो के मुकाबले फिलहाल कम हैं, फिर भी केंद्र सरकार जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। फिलहाल दालों के दाम 83 से 177 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, लेकिन सूखे की मार के चलते आपूर्ति प्रभावित होने से हाल के दिनों में दालों की कीमतें थोड़ी बढ़ी हैं।

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार दलहन की कीमतों की निगरानी कर रही है। राज्य सरकारों को जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। पूर्ववर्ती सरकार ने दलहन के क्षेत्र में अधिक काम नहीं किया था। राजग सरकार ने अब दलहन उत्पादन बढ़ाने को योजना बनाई है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार बुधवार को उड़द दाल के भाव 177, अरहर के 163 रुपये, मसूर के 105 रुपये और चना दाल के 83 रुपये प्रति किलो हैं। दलहन की कीमतें सरकार के लिए चिंताजनक हैं, क्योंकि जनवरी, 2015 से अब तक हर महीने इसमें वृद्धि दस प्रतिशत से या उससे अधिक ही रही है।

सरकार ने दालों के दाम नीचे लाने के लिए कई तरह के प्रोत्साहनों के साथ नीतिगत उपायों की घोषणा भी की है। केंद्र ने 50 हजार टन दाल का भंडार बनाया है। राज्यों को खुदरा बाजार में दालें रिलीज करने के लिए समय पर अपनी मांगें रखने को कहा है। इसके अलावा सरकारी और निजी एजेंसियां विदेश से दालें आयात करके आपूर्ति बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। वर्ष 2015-16 में निजी व्यापारियों ने 55 लाख टन दाल का आयात किया है। यह आंकड़ा पूर्व वर्ष की तुलना में दस लाख टन अधिक है। सरकार ने भी पिछले साल 25,000 टन दाल खरीदने का सौदा किया था।

कृषि मंत्रालय के द्वितीय अनुमानों के अनुसार देश में 2015-16 में दलहन उत्पादन 173 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पूर्व वर्ष में यह 171 लाख टन था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक है, लेकिन यहां खपत अधिक होने के कारण दालों की कीमतें बढ़ने की आशंका बनी रहती है।

दाल खुदरा दाम

मार्च अप्रैल

उड़द 172 177

अरहर 160 163

मसूर 98 105

चना 74 83

(आंकड़े रुपये प्रति किलो में)

चीनी ने भी चौंकाया

दलहन की तेजी के साथ ही चीनी के दाम भी 40 रुपये प्रति किलो के पार चले गए हैं। इससे चिंतित केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि व्यापारियों पर चीनी स्टॉक की सीमा तय कर दें। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि जमाखोरी रोकने और कीमतों को काबू में रखने के लिए चीनी के सीमा से अधिक भंडारण को रोकना जरूरी है। उत्पादन कम रहने की आशंका में खुदरा बाजार में बीते साल अक्टूबर से चीनी की कीमतें बढ़नी शुरू हुईं। अक्टूबर में चीनी के खुदरा दाम 30 रुपये प्रति किलो के आसपास थे।

दलहन को प्रोत्साहन के लिए समर्थन मूल्य में भारी वृद्धि संभव


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