GST मुआवजे से जुड़े मुद्दे सुलझाने के लिए 1 सितंबर को केंद्रीय वित्त सचिव राज्यों की वित्त सचिवों के साथ करेंगे बैठक
GST कानून के अंतर्गत जीएसटी लागू होने के पांच साल तक राज्यों को किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार द्वारा करने का प्रावधान है। PC ANI
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में हुई चर्चा के परिणामस्वरूप 2020-21 की जीएसटी मुआवजे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए दो कर्ज विकल्पों के बारे में राज्यों को बताया गया है और उन्हें सात कार्यकारी दिनों के अंदर अपनी प्राथमिकता के बारे में बताना होगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि केंद्रीय वित्त सचिव और व्यय सचिव के साथ राज्यों के वित्त सचिवों की बैठक एक सितंबर 2020 को निर्धारित की गई है। मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक में राज्यों के सचिव अपनी बात को रख सकते हैं और अपनी शंकाएं दूर कर सकते हैं।
हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुई 41 वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा था कि राज्यों को जीएसटी मुआवजे की रकम की भरपाई के लिए दो विकल्प दिये गए हैं। इनमें पहला है कि केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे या फिर रिज़र्व बैंक से उधार लिया जाय। इन विकल्पों पर सात दिनों के अंदर राज्य अपनी राय देंगे।
A meeting of state finance secretaries with the Union finance secretary and secretary (expenditure) is scheduled to be held on September 1, 2020, for clarifying issues, if any: Union Finance Ministry https://t.co/UozvlMHFWd" rel="nofollow— ANI (@ANI) August 29, 2020
पांडेय ने बताया था कि इस साल जीएसटी संग्रह कोरोना वायरस महामारी के चलते बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी रहने की आशंका है। साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था 'जीएसटी परिषद की पांच घंटे चली बैठक के दौरान राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने के दो विकल्पों पर चर्चा हुई। हम जल्द ही एक और जीएसटी बैठक कर सकते हैं।'
यहां बता दें कि जीएसटी कानून के अंतर्गत जीएसटी लागू होने के पांच साल तक राज्यों को किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार द्वारा करने का प्रावधान है। जीएसटी परिषद की बैठक में अटॉर्नी जनरल ने बताया था कि साल 2017 में पूरे देश में जीएसटी लागू करते समय पांच सालों के लिए ट्रांजिशन पीरियड की घोषणा की गई थी। यह अवधि जून 2022 तक है। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को पूरा जीएसटी मुआवजा नहीं देने का मुद्दा गैर-भाजपा सरकारें काफी समय से उठा रही हैं।