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UN ने लगाया अनुमान, सबसे तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

Growth Forecast संयुक्‍त राष्‍ट्र का अनुमान है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पड़े नकारात्मक असर के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍था रहेगा। वर्ष 2022 में भारतीय इकोनॉमी की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 10:20 AM (IST)
UN ने लगाया अनुमान, सबसे तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
UN Forecasts Indian Economy Will Grow Faster in FY23 (PC: pixabay)

संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पड़े नकारात्मक असर के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख इकोनॉमी रहेगा। वर्ष 2022 में भारतीय इकोनॉमी की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह जनवरी में जताए गए अनुमान से 0.3 प्रतिशत कम है। पिछले साल विकास दर 8.8 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष के हिसाब से 2022-23 में भारत की विकास दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति पर जारी अपनी हालिया रिपोर्ट में यह बात कही है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने महामारी के कारण पहले से ही मुश्किल में चल रही इकोनॉमी को और झटका दिया है। इससे यूरोप में व्यापक मानवीय संकट खड़ा होता दिख रहा है। इस संकट को देखते हुए यूएन ने वैश्विक विकास दर अनुमान को घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया है। जनवरी में यह अनुमान 4.4 प्रतिशत का था।

वैश्विक स्तर पर 6.7 प्रतिशत की दर से महंगाई बढ़ने का अनुमान है। 2010 से 2020 के बीच औसत वैश्विक महंगाई दर 2.9 प्रतिशत थी। बढ़ती महंगाई में मुख्य भूमिका कच्चे तेल और ईंधन की बढ़ती कीमतें हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध, बढ़ती कीमतों और अमेरिका की ओर से सख्त मौद्रिक नीति के प्रभाव से हाल के महीनों में दक्षिण एशिया की स्थिति कमजोर हुई है। 2022 में यह क्षेत्र 5.5 प्रतिशत की दर से विकास कर सकता है। जनवरी में यह अनुमान 5.9 प्रतिशत का था।

S&P Global Ratings ने घटाया ग्रोथ का अनुमान

एसएंडपी ग्‍लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को भारत के ग्रोथ अनुमानों में कटौती की। रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्‍त वर्ष के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। एसएंडपी ने अपनी ग्‍लोबल मैक्रो अपडेट टु ग्रोथ फोरकास्‍ट्स में कहा है कि ज्‍यादा समय तक महंगाई दर का अधिक रहना चिंता की बात है। इसके लिए केंद्रीय बैंकों को मौजूदा कीमतों को देखते हुए दरों में बढ़ोतरी करनी होगी। पिछले साल दिसंबर में एसएंडपी ने अनुमान लगाया था कि 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 7.8 प्रतिशत रहेगी। ग्रोथ के इस अनुमान में कटौती कर इसे चालू वित्‍त वर्ष के लिए 7.3 प्रतिशत कर दिया गया है। अगले वित्‍त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान किया गया है।


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