दुबई इस तरह बनेगा दुनिया का सबसे खुशहाल शहर! 24% बढ़ी कर्मचारियों की खुशहाली, सरकार ने बना रखी है मिनिस्ट्री
Happiness meters यूएई की सरकार दुबई को दुनिया का सबसे खुशहाल शहर बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने यूएई सरकार के इस प्रयास की सराहना की है PCPixabay
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या खुशहाली को भी मापा जा सकता है? इसका जवाब है हां। दुबई में लोगों की खुशहाली यानी कि हैप्पीनेस को मापा जा रहा है। यहां सरकार ने डिजिटल हैप्पीनेस मीटर बनाया हुआ है, जिस पर लोगों की खुशहाली को मापा जाता है। हैप्पीनेस मीटर किसी भी देश के नागरिकों, निवासियों और आगंतुकों द्वारा सरकारी सुविधाओं के उपयोग के बाद उनके मूड को बताता है। अर्थात सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई सुविधाओं से लोग जितने खुश होंगे, उतना ही हैप्पीनेस मीटर बढ़ेगा।
साल 2016 से 2018 के बीच यूएई के कर्मचारियों की खुशहाली में 24 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। यह आंकड़ा वहां की खुशहाली मंत्रालय का है। यूएई की सरकार दुबई को दुनिया का सबसे खुशहाल शहर बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने यूएई सरकार के इस प्रयास की सराहना की है और इस जानकारी को अपनी वेबसाइट व सोशल मीडिया पेजों पर भी शेयर किया है।
गौरतलब है कि साल 2016 में यूएई सरकार ने Ohood bint Khalfan Al Rhoumi को देश का खुशहाली मंत्री नियुक्त किया था। यूएई की खुशहाली मंत्री ने हाल ही में एक ट्वीट कर बताया था कि खुशहाली प्रोग्राम के तहत न्यट्रिशन पॉलिसी लॉन्च की गई है। मंत्री ने बताया था कि इस पॉलिसी को यूएई में हेल्दी लाइफस्टाइल और संपूर्ण खुशहाली को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया है। इस पॉलिसी में खाद्य पदार्थों के पैकेट्स पर फैट, शुगर और बाकी तत्वों के बारे में लाल, एंबर और हरे कलर के जरिये बताया जा रहा है।
The @HappyUAE launched the Nutrition Labelling Policy which aims to encourage a healthy lifestyle and enhance overall wellbeing in the UAE, by adding simple labels on the front of food packages on fat, sugars & salt content in 3 colors - red, amber & green -based on their levels. pic.twitter.com/4u240OwXvX — عهود الرومي (@OhoodAlRoumi) September 11, 2019
यहां बता दें कि मार्च 2019 में संयुक्त राष्ट्र की विश्व खुशहाली रिपोर्ट आयी थी। इसमें इस बार भारत 140 वें स्थान पर रहा था, जो पिछले साल की तुलना में सात स्थान नीचे है। वहीं फिनलैंड लगातार दूसरे साल इस इंडेक्स में टॉप पर बना रहा। खुशहाली इंडेक्स में भारत के स्थान में गिरावट वाकई चिंताजनक है और इस बारे में यूएई की तरह यहां भी मजबूत प्रयासों की आवश्यकता प्रतीत होती है।