वोडाफोन-आइडिया मर्जर को NCLT ने दी मंजूरी
इस मर्जर के बाद वोडाफोन इंडिया 400 मिलियन सब्सक्राइबर्स होने का अनुमान है जिसके बलबूते ये देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम आपरेटर कंपनी बन जाएगी
By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 08:09 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 08:39 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने वोडाफोन और आइडिया के प्रस्तावित मर्जर को हरी झंडी दे दी है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। इससे पहले पिछले महीने दूरसंचार विभाग (DoT) ने भी इस विलय को मंजूरी दे दी थी। गौरतलब है कि वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने 20 मार्च 2017 को अपने मर्जर की घोषणा कर दी थी।
आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला मर्जर से बनने वाली नई कंपनी के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन होंगे, जबकि वोडाफोन इंडिया के मौजूदा चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बालेश शर्मा कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव होंगे। इस मर्जर के बाद वोडाफोन इंडिया 400 मिलियन सब्सक्राइबर्स होने का अनुमान है जिसके बलबूते ये देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम आपरेटर कंपनी बन जाएगी।
इस मर्जर से जुड़ी बड़ी बातें:
- आइडिया के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फैसला किया था कि कंपनी का नाम आइडिया सेल्युलर लिमिटिड से बदलकर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड रखा जाएगा।
- रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) ने वांछित नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की उपलब्धता पर इसको 24 मई 2018 को मंजूरी दे दी थी। कंपनी अधिनियम, 2013 के प्रावधानों और नियमों के अंतर्गत कंपनी को अपने नाम में परिवर्तन के लिए विशेष प्रस्ताव के जरिए शेयरधारकों की स्वीकृति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
- बीते साल 13 अक्टूबर को आइडिया सेल्युलर के शेयर होल्डर्स ने कंपनी के मोबाइल बिजनेस के वोडाफोन के साथ मर्जर को मंजूरी दे दी थी। आइडिया के करीब 99 फीसद शेयरहोल्डर्स ने 12 अक्टूबर 2017 को हुई एक बैठक में इस मर्जर प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया था। यह जानकारी स्टॉक फाइलिंग में कुमार मंगलम बिड़ला ने दी है।
- 22 मार्च को दोनों कंपनियों ने घोषणा की थी कि वोडाफोन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बालेश शर्मा को मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी का नया सीईओ नियुक्त किया जाएगा।
- कुमार मंगलम बिड़ला मर्जर से बनने वाली कंपनी के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन होंगे।
- वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर फिलहाल देश की नंबर 2 और नंबर तीन कंपनियां हैं, जबकि भारतीय एयरटेल नंबर 1 टेलिकॉम कंपनी है। वोडाफोन और आइडिया के बीच मर्जर के बाद वोडाफोन के पास 45.1 फीसद की हिस्सेदारी होगी, जबकि आइडिया सेल्युलर के पास 26 फीसद की हिस्सेदारी होगी।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें