जुलाई-अगस्त का रिटर्न दाखिल करने को मिलेगा अतिरिक्त समय
सरकार ने जीएसटी तंत्र में जुलाई और अगस्त के फाइनल टैक्स रिटर्न भरने के लिए तारीखों की अधिसूचना जारी कर दी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। सरकार ने जीएसटी तंत्र में जुलाई और अगस्त के फाइनल टैक्स रिटर्न भरने के लिए तारीखों की अधिसूचना जारी कर दी है। जीएसटी काउंसिल ने जुलाई और अगस्त के लिए जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 फार्म में फाइनल रिटर्न भरने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। इस अंतरिम अवधि में कारोबारियों को जीएसटीआर-3बी में रिटर्न भरना है। इसमें उन्हें बिक्री और इनपुट क्रेडिट के विवरण के साथ कर देयता का स्वत: आंकलन करके विवरण देना होगा। केंद्रीय एक्साइज व कस्टम्स बोर्ड (सीबीईसी) ने रिटर्न फार्म भरने के लिए तारीखों की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार जुलाई में बिक्री का विवरण जीएसटीआर-1 फार्म में एक से पांच सितंबर तक और अगस्त के लिए 16 से 20 सितंबर तक दाखिल करना होगा।
वैसे व्यापारियों को नियमित रूप से अगले महीने की दस तारीख तकरिटर्न दाखिल करना होगा। व्यापारी के पास आये माल का विवरण जीएसटीआर-2 फार्म में देना है। जुलाई के लिए 6 से 10 सितंबर और अगस्त के लिए 21 से 25 सितंबर तक इसका रिटर्न भरना होगा।
नियमित रूप से इसे अगले महीने की 15 तारीख तक दाखिल करना होगा। जुलाई के लिए जीएसटीआर-3 फार्म 11 से 15 सितंबर तक और अगस्त के लिए 26 से 30 सितंबर तक भरना होगा। इस फार्म में माल की बिक्री और सप्लाई के विवरण के साथ देय टैक्स का विवरण देना होगा। सामान्य तौर पर यह रिटर्न अगले महीने की 20 तारीख तक भरना होगा। जीएसटीआर-3बी भरने के लिए जीएसटी नेटवर्क के पोर्टल पर सुविधा दे दी गई है। व्यापारी जुलाई के लिए यह रिटर्न 5 से 20 अगस्त तक भर सकेंगे। अगस्त की बिक्री का यह फार्म 20 सितंबर तक भरना होगा।
छह महीने में तेज होगी आर्थिक विकास दर: आदि गोदरेज
प्रमुख उद्योगपति आदि गोदरेज ने कहा है कि अगले छह महीने में जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था में तेज बढ़त दिखाई देगी। हालांकि उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई तरह की दिक्कतें भी आ रही हैं। उद्योग संगठन सीआइआइ के एक कार्यक्रम में गोदरेज ने कहा कि जीएसटी लागू करने में सरकार नया दृष्टिकोण अपना रही है। उनका मानना है कि यह बड़ी सफलता है। अगले छह महीनों में या कुछ समय बाद आर्थिक विकास दर काफी तेज हो सकती है। जीएसटी की कई दरों पर उन्होंने कहा कि विभिन्न वर्गों वाले भारत में सिर्फ एक या दो दरों की अपेक्षा अवास्तविक है। उन्हें नहीं लगता कि जीएसटी का मौजूदा स्वरूप उद्देश्य पूरा नहीं करेगा। सरकार ने इसे उद्देश्यपरक तरीके से लागू किया है और दरों को लेकर सही नजरिया अपनाया है। तमाम आम उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स की दर कम हुई है। गोदरेज ने कहा कि नई कर व्यवस्था में उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा तो आर्थिक विकास दर तेज होगी।