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Bharat Bandh: जानिए किन मांगों के लिए ट्रेड यूनियनों ने की है देशव्यापी हड़ताल

Bharat Bandh अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ( AIBEA) ने एक बयान में कहा था कि लोकसभा में हाल में संपन्न सत्र में तीन नए श्रम कानूनों को पारित किया गया है और कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानूनों को समाप्त कर दिया गया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 02:30 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 07:25 PM (IST)
Bharat Bandh: जानिए किन मांगों के लिए ट्रेड यूनियनों ने की है देशव्यापी हड़ताल
बैंक यूनियनों की सरकार से मांगें PC: Pixabay

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार को एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल बुलाई है। यूनियनों ने विभिन्न सरकारी नीतियों के विरोध में यह हड़ताल बुलाई है। हड़ताल के चलते बैंकिंग क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में गुरुवार को कामकाज प्रभावित हुआ है। इन ट्रेड यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी नीतियां ला रही हैं। यूनियनों ने प्रमुख रूप से श्रम कानूनों में बदलाव को वापस लेने की मांग सरकार से की है।

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अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ( AIBEA) ने एक बयान में कहा था कि लोकसभा में हाल में संपन्न सत्र में तीन नए श्रम कानूनों को पारित किया गया है और कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। एआईबीईए ने कहा कि ये कानून शुद्ध रूप से कॉरपोरेट जगत के हित में हैं और इस प्रक्रिया में 75 फीसद श्रमिकों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है। संघ ने कहा कि नए कानूनों में श्रमिकों को किसी प्रकार का संरक्षण नहीं मिलेगा। आइए जानते हैं कि ट्रेड यूनियनों की क्या-क्या मांगे हैं।

1. सरकार सभी श्रम विरोधी और किसान विरोधी संहिताओं को वापस ले।

2. सरकारी और पीएसयू कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने वाले कानून को वापस लिया जाए। 

3. सभी कर्मचारियों को पेंशन मिले और नई पेंशन योजना को समाप्त किया जाए। 

4. सार्व​जनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण और निगमीकरण पर रोक लगायी जाए।

5. मनरेगा का विस्तार हो और प्रत्येक वर्ष कम से कम 200 दिन काम ​दिया जाए। साथ ही इस योजना में मजदूरी बढ़े और इसे शहरों में भी लागू किया जाए।

6. कोरोना महामारी के चलते आर्थिक संकट को देखते हुए गरीब परिवारों को 7,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाए।

यहां बता दें कि यह एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियान ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी)ने बुलाई है।


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