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आज से बदल जाएंगे Tax से जुड़े ये नियम, सभी टैक्सपेयर्स के लिए जानना है बेहद जरूरी

प्रत्यक्ष कर और परोक्ष कर से जुड़े नियमों में होने वाले किसी भी तरह के बदलाव पर आपको नजर रखनी चाहिए। एक अक्टूबर यानी गुरुवार से प्रत्यक्ष कर और परोक्ष कर से जुड़े नियमों में इसी तरह के कुछ बदलाव होने वाले हैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 02:16 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 08:59 AM (IST)
एक अक्टूबर से टेलीविजन से जुड़े एक कम्पोनेंट पर सरकार पांच फीसद का आयात शुल्क लगाने जा रही है।(PC: Flickr)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप वेतनभोगी वर्ग से आते हैं या बिजनेस करते हैं तो टैक्स से जुड़े नियमों में किसी तरह के बदलाव से आपके जीवन पर असर पड़ता है। प्रत्यक्ष कर और परोक्ष कर से जुड़े नियमों में होने वाले किसी भी तरह के परिवर्तन पर आपको नजर रखनी चाहिए। एक अक्टूबर यानी गुरुवार से प्रत्यक्ष कर और परोक्ष कर से जुड़े नियमों में इसी तरह के कुछ बदलाव होने वाले हैं। ये परिवर्तन आपके खर्च करने के पैटर्न, लेनदेन और फंड फ्लो पर काफी ज्यादा असर डालने वाले साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं गुरुवार से टैक्स से जुड़े नियमों में किस तरह के बदलाव आने वाले हैंः 

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टेलीविजन के कम्पोनेंट पर पांच फीसद का आयात शुल्क

एक अक्टूबर से टेलीविजन से जुड़े एक प्रमुख कम्पोनेंट पर सरकार पांच फीसद का आयात शुल्क लगाने जा रही है। सरकार ने एक साल के लिए यह राहत दी थी। आयात शुल्क में वृद्धि के जरिए सरकार का लक्ष्य कम लागत के इम्पोर्ट में हतोत्साहित करना और स्थानीय स्तर पर उत्पादन को प्रोत्साहित करना है।  

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पैसे विदेश भेजने पर लगेगा पांच फीसद का TCS

कुछ मामलों को छोड़कर अब भारत से बाहर पैसे भेजने पर सरकार पांच फीसद का TCS (टैक्स कलेक्टेड एड सोर्स) लेगी। फॉरेन टूर पैकेज खरीदने के लिए विदेश भेजी गई किसी भी राशि पर यह टैक्स देय होगा। हालांकि, उच्च शिक्षा के लिए कर्ज लेकर पैसे ट्रांसफर करने पर 0.5 फीसद की दर से TCS देय होगा।  

E-Commerce पर TDS

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अब विक्रेताओं को किए जाने वाले भुगतान पर एक फीसद की दर से टीडीएस की कटौती करनी होगी। इस कदम का लक्ष्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सामानों की बिक्री करने वाले छोटे विक्रेताओं को टैक्स के दायरे में लाने का है। ई-कॉमर्स कंपनियों को भुगतान के समय स्रोत पर कर कटौती करनी होगी।  

बड़े कारोबारियों के लिए जीएसटी का e-invoicing होगा अनिवार्य

एक अक्टूबर से 500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले बिजनेसेज के लिए e-Invoicing को अनिवार्य बनाया गया है। कारोबारियों को GSTN द्वारा तय किए गए पोर्टल पर बिक्री का पर्ची अपलोड करना होगा।  


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