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आज से E-Way Bill जेनरेट करने का नया नियम लागू, दो बार GST Return दाखिल नहीं करने वाले नहीं जेनरेट कर पाएंगे ई-वे बिल

E-Way Bill एक दिसंबर से सरकार ई-वे बिल के लिए नए नियम लागू करने जा रही है। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में ढिलाई बरतने वाले कारोबारियों के लिए ई-वे बिल का नया नियम महंगा साबित हो सकता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 09:30 AM (IST)
आज से E-Way Bill जेनरेट करने का नया नियम लागू, दो बार GST Return दाखिल नहीं करने वाले नहीं जेनरेट कर पाएंगे ई-वे बिल
एक दिसंबर से ई-वे बिल का नया नियम 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों पर लागू होगा।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एक दिसंबर से सरकार ई-वे बिल के लिए नए नियम लागू करने जा रही है। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में ढिलाई बरतने वाले कारोबारियों के लिए ई-वे बिल का नया नियम महंगा साबित हो सकता है। नए नियम के मुताबिक दो या इससे अधिक बार तक जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले कारोबारी एक दिसंबर से ई-वे बिल जेनरेट नहीं कर पाएंगे। दूसरे राज्यों में 50,000 रुपए से अधिक का माल भेजने के लिए ई-वे बिल जेनरेट करना जरूरी होता है। 1जनवरी, 2021 से जीएसटीआर-3बी दाखिल करने का नियम भी बदलने जा रहा है। एक जनवरी से कारोबारियों को जीएसटीआर-3बी प्रतिमाह की जगह तीन महीने में एक बार दाखिल करना होगा।

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जीएसटी विशेषज्ञों ने बताया कि एक दिसंबर से ई-वे बिल का नया नियम 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों पर लागू होगा। ये कारोबारी अगर इस साल अक्टूबर तक दो या इससे अधिक बार जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं किए हैं तो उनका ई-वे बिल मंगलवार से ब्लॉक हो जाएगा।

जीएसटी मामले के विशेषज्ञ एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) मनीष शर्मा ने बताया कि सरकार पहले से कारोबारियों को नए नियम के बारे में बता चुकी हैं। यही वजह है कि उन्हें 30 नवंबर तक अपने रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जा रहा था। उन्होंने बताया कि ई-वे बिल के ब्लॉक होने पर कारोबारियों को पहले अपना बकाया रिटर्न दाखिल करना होगा। उसके बाद वे फिर से ई-वे बिल जेनरेट कर सकेंगे।

विशेषज्ञों ने बताया ई-वे बिल प्रणाली के ब्लॉक होने पर कारोबारी एक लाख रुपए के माल का एक बिल नहीं बनाकर 45-45 हजार के दो बिल और 5,000 के एक बिल बनाकर माल को दूसरे राज्यों में भेज पाएंगे। मंगलवार को नवंबर माह का जीएसटी संग्रह आंकड़ा भी प्रस्तुत किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक नवंबर का जीएसटी संग्रह 1.08 लाख करोड़ रुपए रह सकता है। गत अक्टूबर यह संग्रह 1.05 लाख करोड़ रुपए का था।


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