भारत और पाकिस्तान के बीच जारी रहा तनाव, तो बाजार और रुपये पर क्या होगा असर?
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव लंबा खिचता है तो भी रुपये की सेहत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है जो कि अब भी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है। इस हमले के बाद से ही दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों पर भी असर दिखा है। भारत, पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर 200 फीसद का आयात शुल्क लगा चुका है और अब वो रावी-सतलुज-व्यास नदियों का पानी रोकने की तैयारी में है। यह तनाव अगर लंबा खिचा तो भारतीय बाजार और रुपये पर कितना असर पड़ेगा हमने एक्सपर्ट के जरिए इसकी संभावित तस्वीर उजली करने की कोशिश की है।
सेंसेक्स निफ्टी पर पड़ेगा कितना असर?
ब्रोकिंग फर्म कार्वी कमोडिटी के हेड रिसर्च डॉ रवि सिंह ने बताया, "भारत और पाकिस्तान के बीच जारी मौजूदा तनाव से भारतीय शेयर बाजार पर पड़ने वाले असर को समझने से पहले हमें यह जानना होगा कि इससे पहले हुए हमलों के दौरान भारत के शेयर बाजार ने किस तरह से प्रतिक्रिया दी थी। मुंबई हमले के दौरान भी बाजार में तुरंत प्रतिक्रिया के तौर पर डेढ़ फीसद तक की गिरावट देखने को मिली थी, हालांकि कुछ ही हफ्तों में इसने रिकवरी कर ली। कारगिल युद्ध के दौरान भी बाजार में 3.5 फीसद की गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन जल्द ही इसने भी रिकवरी कर ली।"
सिंह ने बताया कि युद्ध की स्थिति में तुरंत प्रभाव तो देखने को मिलेगा, लेकिन भारत के फंडामेंटल्स मजबूत हैं लिहाजा कोई बड़ा नुकसान देखने को नहीं मिलेगा। चीन ने हाल ही में अपने जीडीपी अनुमान को घटाकर 6.5 फीसद कर दिया है। वहीं अमेरिका ने वर्ष 2020 के लिए अपना जीडीपी अनुमान 1.6 फीसद रखा है, जबकि आरबीआई ने वर्ष 2020 के लिए भारत का जीडीपी अनुमान 7.4 फीसद रखा है। ऐसे में भारत की स्थिति मजबूत जान पड़ रही है। हां वॉर जैसी स्थिति में क्रूड ऑयल में उबाल जरूर देखने को मिल सकता है, जिससे भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ जाएंगे और महंगाई में भी इजाफा हो सकता है। युद्ध जैसी स्थिति में सेंसेक्स 36,725 से 5 से 8 फीसद तक टूटकर 35,500 तक आ सकता है, वहीं निफ्टी 11000 का स्तर छोड़कर ज्यादा से ज्यादा 10,500 तक ही गिरेगा।
तनाव बढ़ा तो डॉलर के मुकाबले कितना लुढ़केगा रुपया?
सिंह ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की मौजूदा स्थिति अगर युद्ध की संभावना भी बनाती है तो रुपये में कोई बड़ा अंतर देखने को नहीं मिलेगा। 4 फरवरी को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 71.18 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, वहीं 14 फरवरी को यह 71.60 के स्तर पर आ गया। यानी रुपया 40 पैसा तक टूट गया। वहीं आज यानी 7 मार्च को रुपया डॉलर के मुकाबले 70.03 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। यानी रुपया दो हफ्तों में 3 फीसद तक मजबूत हो गया है। विषम परिस्थितियों में भी रुपया डॉलर के मुकाबले ज्यादा से ज्यादा 73 से 74 का स्तर ही छू सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के फंडामेंटल्स मजबूत हैं। भारत जहां 400241 मिलियन अमेरिकी डॉलर के भारी भरकम विदेशी मुद्रा भंडार पर बैठा है वहीं पाकिस्तान का पास विदेशी मुद्रा भंडार के रुप में मात्र 8,036 मिलियन डॉलर ही हैं।