अमेरिका की आपत्तियों के बीच huawei पर सरकार उच्च स्तर पर लेगी फैसला, चीन का स्वतंत्र निर्णय का आग्रह
huawei के भारत में कारोबार करने पर दूरसंचार विभाग (डीओटी) फैसला नहीं करेगा बल्कि सरकार में उच्च स्तर पर इसको लेकर एक समग्र नजरिया अपनाया जाएगा।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चीन की टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी हुआवे के भारत में कारोबार करने पर दूरसंचार विभाग (डीओटी) फैसला नहीं करेगा, बल्कि सरकार में उच्च स्तर पर इसको लेकर एक समग्र नजरिया अपनाया जाएगा। डीओटी ने भारतीय टेलीकॉम नेटवर्क में हुआवे की प्रतिभागिता के बारे में विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
टेलीकॉम सचिव अरुणा सुंदरराजन ने एक कार्यक्रम के इतर मौके पर कहा कि हमें समिति की सिफारिशों का इंतजार है। समिति का सुझाव मिलने पर इसे सरकार के पास भेजा जाएगा। इस पर अकेले डीओटी फैसला नहीं करने जा रहा। यह एक व्यापक रणनीतिक फैसला होगा। व्यापार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर पड़ने वाले संभावित असर को ध्यान में रखते हुए इस पर फैसला किया जाएगा। हुआवे का दावा है कि अमेरिका की सरकार भारत सहित दुनियाभर में उसके खिलाफ लॉबिंग कर रही है। वह हुआवे का कारोबार बंद करवाना चाहती है। अमेरिका की सरकार का आरोप है कि हुआवे उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा है। क्योंकि इस कंपनी पर चीन की सरकार का स्वामित्व है और कंपनी का चीन की खूफिया एजेंसियों के साथ अंतरंग संबंध है।
चीन का भारत से स्वतंत्र निर्णय लेने का आग्रह
चीन ने गुरुवार को भारत से आग्रह किया कि देश में हुआवे के परिचालन को लेकर वह स्वतंत्रतापूर्वक फैसला ले और कंपनी पर अमेरिकी पाबंदी से प्रभावित नहीं हो तथा चीन की कंपनियों को भारत में समानता का अवसर प्रदान करे। इस महीने के शुरू में भारत के टेलीकॉम मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि आगामी 5जी ट्रायल में हुआवे की प्रतिभागिता को अनुमति देने के मामले में भारत की चिंता सिर्फ सुरक्षा से जुड़ी हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने भारत में हुआवे के परिचालन के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत स्वतंत्रतापूर्वक निर्णय करेगा और चीन की कंपनियों को समानता का माहौल प्रदान करेगा।
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