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सालाना 25 लाख रुपये तक के कारोबार को मिल सकती है जीएसटी से छूट

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वृहस्पतिवार को जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक हुई। बैठक में मुख्यत: चार बिन्दुअों पर आम राय बनी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2016 02:14 AM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2016 02:39 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने 25 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार को जीएसटी के दायरे बाहर रखने का प्रस्ताव किया है। हालांकि केंद्र के इस प्रस्ताव का उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने विरोध करते हुए कहा है कि इस सीमा को 10 लाख रुपये सालाना रखा जाए।

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केंद्र ने यह प्रस्ताव वृहस्पतिवार को जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक में किया। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो बड़ी संख्या में छोटे व्यापारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। केंद्र ने पूर्वोत्तर तथा पर्वतीय राज्यों के लिए जीएसटी से छूट की सीमा 10 लाख रुपये रखने का प्रस्ताव किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वृहस्पतिवार को जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक हुई। जीएसटी काउंसिल ने इस दो दिवसीय बैठक के पहले दिन मुख्यत: चार बिन्दुअों पर आम राय बनी। काउंसिल ने जीएसटी एक अप्रैल 2017 से लागू करने के लिए जरूरी तैयारियां समय पर पूरी करने के संबंध में वित्त मंत्रालय की ओर से रखी गयी समयसारिणी को मंजूरी दी गयी। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल की कार्यप्रणाली के संबंध में नियमों पर भी मुहर लगायी गयी। इसके अलावा जीएसटी से छूट की कंपाउंडिंग सीमा 50 लाख रुपये तय करने के बारे में भी केंद्र औ राज्यों के बीच आम सहमति बन गयी।

कंपाउंडिंग सीमा के दायरे में आने वाले कारोबारियों को मात्र 1 से दो प्रतिशत टैक्स ही देना होगा। हालांकि कितनी राशि के सालाना कारोबार को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए इस संबंध मंे जीएसटी काउंसिल में आम राय नहीं दिखी। केंद्र सरकार ने 25 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया जिसका उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने विरोध किया। यूपी ने कहा कि जीएसटी से छूट की सीमा 10 लाख रुपये सालाना ही रखी जाए। हालांकि इस संबंध केंद्र ने दलील दी कि छूट की सीमा उच्च रखने से छोटे व्यापारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे जिससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

हालांकि जब राज्य इस पर सहमत नहीं हुए तो काउंसिल ने इस संबंध अधिकारियों की एक समिति बना दी है जो इस मुद्दे पर आम राय बनाने की कोशिश करेगी। काउंसिल की बैठक शुक्रवार को भी जारी रहेगी और इसके समानांतर ही केंद्र और राज्यों के अधिकारी भी इस मुद्दे पर आम राय बनाने का काम करेंगे। जहां तक पर्वतीय और पूर्वोत्तर राज्यों का सवाल है तो केंद्र ने इन प्रदेशों में 10 लाख रुपये तक के कारोबार को जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव किया है। हालांकि इस बारे में अभी कोई आम राय नहीं बनी है। जीएसटी की दरें कितनी होगी इस बारे में विचार विमर्श अगली बैठकों में किया जाएगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु ने परिषद में मताधिकार के बारे में भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बड़े राज्यों और छोटे राज्यों को एक समान मत नहीं होना चाहिए।

जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक में इन बिन्दुओं पर बनी आम राय

1. जीएसटी एक अप्रैल 2017 से लागू करने के लिए जरूरी तैयारियां पूरी करने की समयसीमा

2. जीएसटी काउंसिल की कार्यप्रणाली के संबंध में नियम

3. जीएसटी से छूट की कंपाउंडिंग सीमा 50 लाख रुपये तय

4. विभिन्न मुद्दों पर 60 दिन के भीतर फैसले लेगी काउंसिल

इन पर नहीं बनी बात

1. 25 लाख रुपये के सालाना कारोबार को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए

2. पूर्वोत्तर सहित पर्वतीय राज्यों में जीएसटी से छूट की सीमा 10 लाख रुपये हो

आगे क्या होगा?

-शुक्रवार को जारी रहेगी जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक

-जीएसटी की छूट सीमा के मुद्दे पर राज्यों में आम राय बनाने को केंद्र और राज्यों के अधिकारी करेंगे बैठक

-जीएसटी की दरों के बारे में अगली बैठकों में विचार किया जाएगा

-जीएसटी 60 दिनों के भीतर थ्रेसहोल्ड और दरों संबंधी मुद्दे सुलझाएगी

-अगली बैठक कब होगी, इसका फैसला शुक्रवार की बैठक में लिया जाएगा

पढ़ेंः GST काउंसिल की पहली बैठक की वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की अध्यक्षता


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