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Airtel, Vodafone Idea और Tata Teleservices आज कर सकती हैं AGR बकाए का भुगतान

Vodafone Idea ने शेयर बाजारों को बताया था कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद कंपनी को दूरसंचार विभाग (DOT) की तरफ से तत्काल भुगतान संबंधी आदेश मिला है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 08:23 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 10:36 AM (IST)
Airtel, Vodafone Idea और Tata Teleservices आज कर सकती हैं AGR बकाए का भुगतान

नई दिल्ली, एजेंसियां। टेलीकॉम कंपनियों पर एजीआर बकाया मामले में भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) और टाटा टेलीसर्विसेज (Tata Teleservices) आज सोमवार को बकाया भुगतान कर सकती हैं। आधिकारिक सूत्रों से यह जानकारी पता लगी है। इन कंपनियों ने दूरसंचार विभाग को आंशिक भुगतान की सूचना दी है। वोडाफोन आइडिया ने शेयर बाजारों को बताया था कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद कंपनी को दूरसंचार विभाग (DOT) की तरफ से तत्काल भुगतान संबंधी आदेश मिला है। इस दौरान कंपनी इस बात का आकलन कर रही थी कि वह कितना भुगतान करने में सक्षम है। एजीआर बकाया मद में देश की टेलीकॉम कंपनियों को कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना है।

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डीओटी को उम्मीद है कि टेलीकॉम कंपनियां सोमवार को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया का भुगतान कर देंगी। डीओटी के एक अधिकारी ने कहा कि भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया तथा टाटा टेलीसर्विसेज ने कहा है कि वे सोमवार को भुगतान कर देंगी। इन कंपनियों द्वारा भुगतान कर दिए जाने और हासिल रकम का आकलन करने के बाद ही डीओटी आगे की कार्रवाई पर विचार करेगा। भारती एयरटेल ने बीते शुक्रवार को ही कह दिया था कि वह एक सप्ताह के भीतर 10,000 करोड़ रुपये और सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई (17 मार्च, 2020) से पहले बाकी रकम का भुगतान कर देगी।

दिलचस्प यह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 23 जनवरी, 2020 तक बकाया भुगतान कर देने के आदेश के बावजूद बीएसएनएल (BSNL) और एमटीएनएल (MTNL) जैसी सरकारी टेलीकॉम कंपनियों ने भी अब तक भुगतान नहीं किया है। बीएसएनएल पर एजीआर मद में 4,989 करोड़ रुपये और एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये बकाया है। वोडाफोन आइडिया के बाद सबसे ज्यादा 35,586 करोड़ रुपये की रकम भारती एयरटेल को और 13,800 करोड़ रुपये टाटा टेलीसर्विसेज को चुकानी है।

हालांकि, 1.47 लाख करोड़ रुपये में से डीओटी को 1.13 लाख करोड़ रुपये तक की ही वसूली होने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि बाकी रकम की देनदार कंपनियां अपना कारोबार समेट चुकी हैं। रिलायंस कम्यूनिकेशंस और एयरसेल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं।

सूत्रों का यह भी कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा एजीआर के तहत बकाया भुगतान नहीं किए जाने की सूरत में डीओटी सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है। इस मामले में विभाग इन कंपनियों की बैंक गारंटी को अपने पक्ष में भुना सकता है।

हालांकि, विभाग द्वारा क्षेत्रीय जोन को भेजे गए नोटिस में बैंक गारंटी भुनाने की बात नहीं कई गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक समय पर भुगतान नहीं करने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी जरूर दी गई थी। टेलीकॉम कंपनियों द्वारा और समय मांगे जाने की बात पर डीओटी अधिकारी का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उन्हें तीन महीनों का वक्त दिया था।


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