टेक महिंद्रा ने भी पेमेंट बैंक से हाथ खींचे
टेक महिंद्रा ने पेमेंट बैंक से हाथ खींच लिए इसके पहले चोला मंडलम और दिलीप संघवी ने पेमेेंट बैंक से हाथ पीछे किए थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पेमेंट बैंक का लाइसेंस लेने के लिए बढ़-चढ़ कर आवेदन करने वाली कंपनियों का जोश अब इसके प्रति ठंडा होता जा रहा है। यह कंपनियों के मोहभंग का ही नतीजा है कि चोलामंडलम और दिलीप सांघवी के बाद टेक महिंद्रा ने भी पेमेंट बैंक से हाथ खींच लिए हैं। इस तरह कुल 11 में से महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह की इस आइटी कंपनी समेत तीन लाइसेंस धारक अब तक पेमेंट बैंक नहीं खोलने का एलान कर चुके हैं।
कंपनियों को नहीं दिख रही पेमेंट बिजनेस में लाभ की संभावना
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टेक महिंद्रा के बोर्ड की बैठक के बाद कंपनी के एमडी एवं सीईओ सीपी गुरनानी ने मंगलवार को पेमेंट बैंक का लाइसेंस वापस करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, 'इतने वक्त में हमें पता चल चुका है कि पेमेंट बैंक के कारोबार में जिस तरह की आक्रामकता दिख रही है, उससे इस धंधे में मार्जिन गुंजाइश नहीं रह गई है।' बीते साल अगस्त में रिजर्व बैंक ने टेक महिंद्रा समेत 11 फर्मो को पेमेंट बैंक खोलने के लिए मंजूरी दी थी। उस वक्त अंबानी, बिड़ला जैसे कारोबारी घरानों के साथ ही वोडाफोन, एयरटेल, टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों ने पेमेंट बैंक के लिए लाइन लगाकर आवेदन किया था।
मोबाइल वॉलेट, यूपीआइ के बाद पेमेंट बैंकों के लिए गुंजाइश कम
असल में पेमेंट बिजनेस में मुनाफा कमाना मुश्किल है। लिहाला धीरे-धीरे कंपनियां इससे अलग हो रही हैं। इसके अलावा बैंकों के मोबाइल वॉलेट और यूपीआइ आने के बाद पेमेंट बैंकों के लिए कोई खास मौका भी नहीं रह गया है। यही देखते हुए सबसे पहले चोलामंडलम समूह ने भुगतान बैंक के कारोबार से हटने का एलान किया। उसके बाद सन फार्मा के प्रमोटर दिलीप सांघवी की अगुआई में टेलीनॉर और आइडीएफसी के संयुक्त उद्यम ने लाइसेंस वापसी की बात कही।
रिजर्व बैंक नाराज
लाइसेंसधारकों के पेमेंट बैंक खोलने से पीछे हटने के कारण रिजर्व बैंक नाराज है। केंद्रीय बैंक जल्द ही पेमेंट बैंक से हाथ खींचने वाले लाइसेंसधारकों पर जुर्माने की व्यवस्था कर सकता है। इसके अलावा उसकी ओर से भारी प्रोसेसिंग फीस लगाने पर भी विचार चल रहा है।