टीसीएस को अमेरिकी अदालत से मिली बड़ी राहत, आधा हुआ जुर्माना
एपिक सिस्टम कॉरपोरेशन ने टीसीएस और टाटा अमेरिका इंटरनेशनल कॉर्प पर ट्रेड सीक्रेट और डाटा चुराने का आरोप लगाया गया था
नई दिल्ली (पीटीआई)। टाटा समूह की आइटी कंपनी टीसीएस को अमेरिकी अदालत से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने एपिक सिस्टम्स कॉरपोरेशन की ओर से दायर एक मामले में कंपनी पर लगा जुर्माना आधे से भी कम कर दिया है। अदालत ने जुर्माना 94 करोड़ डॉलर (करीब 6,138 करोड़ रुपये) से घटाकर 42 करोड़ डॉलर (2,743 करोड़ रुपये) कर दिया है।
मामला अक्टूबर 2014 का है, जब एपिक सिस्टम कॉरपोरेशन ने टीसीएस और टाटा अमेरिका इंटरनेशनल कॉर्प पर ट्रेड सीक्रेट और डाटा चुराने का आरोप लगाया गया था। एपिक ने इस मामले में मेडिसन डिस्टिक्ट कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अप्रैल 2016 में टाटा समूह की दोनों कंपनियों को कथित तौर पर सॉफ्टवेयर चोरी के लिए 24 करोड़ डॉलर (1,567 करोड़ रुपये) का भुगतान एपिक को करने का फैसला सुनाया था। साथ ही, दंडात्मक हर्जाने के तौर पर 70 करोड़ डॉलर (4,571 करोड़ रुपये) भरने का भी आदेश दिया गया था। फैसले के खिलाफ कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यूएस ग्रांड ज्यूरी ने जुर्माने की कुल राशि को घटाकर 42 करोड़ डॉलर (2,743 करोड़ रुपये) करने का फैसला सुनाया है।
रेगुलेटरी फाइलिंग में कंपनी ने जुर्माना कम किए जाने की जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि विधि सलाहकारों का कहना है कि अब भी निर्णय साक्ष्यों के अनुरूप नहीं है और इसे मजबूत तरीके से चुनौती दी जा सकती है। कंपनी ने एपिक के दस्तावेजों या उसकी योजनाओं का कभी दुरुपयोग नहीं किया और न ही उनसे कोई लाभ कमाया। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस जुर्माने से 12 अक्टूबर को जारी होने जा रहे कंपनी के तिमाही नतीजों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस दिन कंपनी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित करेगी।