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कोरोना इलाज या मृत्यु के बाद आश्रितों को मिली मदद राशि पर नहीं लगेगा टैक्स

Income tax news कोरोना से मौत के मामले में मृतक की कंपनी या स्वजनों से मिली सांत्वना राशि या मदद पर भी एक सीमा तक आयकर नहीं लगेगा। कंपनियों के लिए इस मामले में अपने मृतक कर्मचारी को दी गई मदद की कोई ऊपरी सीमा नहीं रखी गई है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 08:35 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 12:44 PM (IST)
Tax relief to Covid patients P C : Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना इलाज पर होने वाले खर्च या मृत्यु के मामले में आश्रितों को मिलने वाली मदद राशि पर आयकर नहीं लगेगा। आयकर विभाग के मुताबिक कोरोना के इलाज के लिए कई करदाताओं ने अपने नियोक्ता या फिर किसी अन्य से जो भी मदद ली, उसे आयकर दायरे से बाहर रखा जाएगा। वित्त वर्ष 2019-20 में या इस वर्ष कोरोना इलाज पर खर्च के लिए ली गई मदद को आयकर से मुक्त रखने का फैसला किया गया है।

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कोरोना से मौत के मामले में मृतक की कंपनी या स्वजनों से मिली सांत्वना राशि या मदद पर भी एक सीमा तक आयकर नहीं लगेगा। कंपनियों के लिए इस मामले में अपने मृतक कर्मचारी को दी गई मदद की कोई ऊपरी सीमा नहीं रखी गई है। स्वजन या अन्य की तरफ से आश्रितों को मिली अधिकतम 10 लाख रुपये तक की रकम को आयकर की परिधि से बाहर रखा गया है।

कोरोना संकट को देखते हुए आयकर विभाग ने कई दस्तावेज जमा करने की समय सीमा को भी विस्तार दिया है। विभाग के मुताबिक, आयकर संबंधी विभिन्न प्रकार के दस्तावेज को जमा करने की समय सीमा का भी विस्तार किया गया है।

अब आधार से पैन को आगामी 30 सितंबर तक जोड़ सकेंगे। आधार से पैन को लिंक करने की अंतिम तारीख 30 जून थी। विवाद से विश्वास स्कीम में शामिल होने वाले करदाता अब इस वर्ष 31 अगस्त तक राशि जमा कर सकेंगे। इसकी समय सीमा 30 जून को समाप्त हो रही थी। अतिरिक्त राशि के साथ विवाद से विश्वास स्कीम में शामिल करदाता 31 अक्टूबर तक राशि जमा कर सकेंगे।

गत वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही का टैक्स डिडक्शन अब 15 जुलाई तक जमा किया जा सकेगा। पहले यह समय सीमा 30 जून थी। आयकर विभाग ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इक्वलाइजेशन लेवी स्टेटमेंट अब 31 जुलाई तक दाखिल किया जा सकेगा, जिसकी समय सीमा 30 जून को खत्म हो रही थी। इक्वलाइजेशन लेवी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा तीन महीने बढ़ाकर इस वर्ष 30 सितंबर कर दी गई है।


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