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टैक्स बचाने के साथ पूंजी में वृद्धि भी करते हैं ELSS फंड, थोड़े-थोड़े पैसों का भी कर सकते हैं निवेश

ELSS में करीब 65 फीसद राशि इक्विटी या इक्विटी लिंक्ड प्रोडक्ट्स में निवेश की जाती है ताकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के तहत छूट मिल सके।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 12:25 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 12:25 PM (IST)
टैक्स बचाने के साथ पूंजी में वृद्धि भी करते हैं ELSS फंड, थोड़े-थोड़े पैसों का भी कर सकते हैं निवेश
टैक्स बचाने के साथ पूंजी में वृद्धि भी करते हैं ELSS फंड, थोड़े-थोड़े पैसों का भी कर सकते हैं निवेश

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। टैक्‍स सेविंग का मौसम आ गया है और साथ ही चालू वित्त वर्ष भी अपनी समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में अगर आपके पास पैसे हैं तो आपको अंतिम समय में भागमभाग करने की बजाय निवेश का रास्ता अभी से अपना लेना चाहिए, ताकि समय रहते आप निवेश कर सकें और टैक्स भी बचा लें तथा पूंजी में वृद्धि का लाभ भी लें और इसके लिए आप चाहें तो ELSS (इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्‍स स्‍कीम) फंडों का विकल्प अपना सकते हैं।

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ईएलएसएस में ग्रोथ ऑप्शन निवेशकों के लिए सही रहता है। इस स्कीम में डिविडेंड रीइन्‍वेस्टमेंट का विकल्प नहीं मिलता है। ईएलएसएस में करीब 65 फीसद राशि इक्विटी या इक्विटी लिंक्ड प्रोडक्ट्स में निवेश की जाती है ताकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के तहत छूट मिल सके। आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स बचाने के तमाम रास्ते हैं। इनमें पीपीएफ, किसान विकास पत्र, बीमा सहित कई तरीके हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपको कम लॉक इन अवधि का लाभ मिले, आपके निवेश में वृद्धि हो सके और साथ ही इक्विटी बाजार का लाभ भी मिले तो आपको इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्‍स स्‍कीम (ईएलएसएस) या टैक्‍स सेविंग फंड का रास्ता अपनाना चाहिए।

ईएलएसएस फंडों में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स से छूट मिलती है। टैक्‍स सेविंग के अन्‍य विकल्‍पों की तुलना में इसकी लॉक इन अवधि सबसे कम होती है। ज्यादातर टैक्स बचत संसाधनों में पांच सालों का लॉक इन अवधि होता है जबकि ईएलएसएस में 3 साल का लॉक इन अवधि होता है। पीपीएफ में 15 सालों की लॉक इन अवधि होती है।

ईएलएसएस में आप एकमुश्त या एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं। आप इसमें अपने निवेश की अवधि से ज्यादा समय तक अपने पैसे रख सकते हैं। ज्यादा समय तक पैसा रखने पर आपकी राशि फिर से निवेश की जाती है। पारदर्शिता के लिहाज से यह अच्छा साधन है जहां आप हर दिन अपने निवेश का ट्रैक देख सकते हैं। लॉक इन अवधि के बाद आप पैसे ऑनलाइन या डायरेक्ट निकाल सकते हैं जो उस दिन के एनएवी के आधार पर होगा और यह सीधे आपके बैंक खाते में जमा होगा।

ईएलएसएस फंडों की बात करें तो जनवरी 2020 के आधार पर इंवेस्‍को इंडिया टैक्‍स प्‍लान ने एक साल में 13.35 फीसद सीएजीआर की दर से रिटर्न दिया है। Morningstar के आंकड़ों के मुताबिक 10 सालों का इसका लगातार बेहतर प्रदर्शन का ट्रैक रिकॉर्ड है जिसमें इसने 14.06 फीसद का रिटर्न दिया है। इसी अवधि में इसके बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई 200 टीआरआई ने एक साल में 11.15 और दस साल में 10.84 फीसद का रिटर्न दिया है। इसी तरह एसआईपी ने एक साल में 14.60 और दस साल में 14.05 फीसद (एक्सआईआरआर) का रिटर्न उपरोक्त अवधि में दिया है जबकि बेंचमार्क ने 9.38 और 11.54 फीसद का रिटर्न दिया है।


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