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करदाताओं से दोस्ताना व्यवहार करेंगे टैक्स अधिकारी, नहीं पड़ने देंगे अनावश्यक दबाव

पिछले सप्ताह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि अब किसी भी असेसी को कोई भी आयकर नोटिस डॉक्यूमेंट पहचान संख्या (डिन) के बगैर नहीं भेजा जाएगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 10:21 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 03:45 PM (IST)
करदाताओं से दोस्ताना व्यवहार करेंगे टैक्स अधिकारी, नहीं पड़ने देंगे अनावश्यक दबाव
करदाताओं से दोस्ताना व्यवहार करेंगे टैक्स अधिकारी, नहीं पड़ने देंगे अनावश्यक दबाव

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आयकर विभाग ने फैसला किया है कि वह टैक्स मामलों की छानबीन के वक्त आयकरदाताओं से दोस्ताना रवैया अपनाएगा। पिछले सप्ताह शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अहमदाबाद में स्पष्ट कहा था कि आयकर अधिकारियों को अपनी परंपरागत सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। फिर, सीतारमण ने शनिवार को आयकर विभाग को निर्देश दिया के वे टैक्स अधिकारियों और जांच के दायरे में आए करदाता (असेसी) के बीच संवादहीनता की स्थिति को खत्म करें। सूत्रों के मुताबिक इसे देखते हुए विभाग ने फैसला किया है कि वह करदाताओं पर अनावश्यक दबाव पड़ने की संभावनाओं को खत्म करने की कोशिशें करेगा।

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सीतारमण ने पिछले सप्ताह दो-टूक कहा था कि टैक्स प्रशासकों की भूमिका बेहद नाजुक होती है। देश का नागरिक जानकार और जागरूक हो रहा है और ऐसे नागरिकों के साथ व्यवहार के लिए टैक्स अधिकारियों को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा। जहां तक असेसी और उनके मामलों का सवाल है, तो हमें उनके साथ संवाद करना चाहिए और पूरे सम्मान के साथ उनकी समस्याओं का निराकरण करना चाहिए।

सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग असेसी के साथ बातचीत और व्यवहार में दोस्ताना बदलाव के लिए तैयार है। लेकिन ऐसा करते वक्त वह असेसी की कानूनी गलतियों को नजरअंदाज नहीं करेगा। गौरतलब है कि आयकर अधिकारियों पर अक्सर यह आरोप लगते रहे हैं कि असेसी के साथ उनका बातचीत का लहजा धमकाने और दोष मढ़ने का रहता है। हाल के वर्षो में लोग इसे टैक्स-आतंकवादकी भी संज्ञा देने लगे हैं। इसी को देखते हुए पिछले सप्ताह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि अब किसी भी असेसी को कोई भी आयकर नोटिस डॉक्यूमेंट पहचान संख्या (डिन) के बगैर नहीं भेजा जाएगा। इसके बाद किसी को भी फर्जी टैक्स नोटिस भेजा जाना संभव ही नहीं होगा।

पिछले दिनों मशहूर भारतीय कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ ने कर्नाटक के मेंगलुरु में गायब होने से पहले अपने कर्मचारियों को लिखे ईमेल में उन्होंने टैक्स अधिकारियों की तरफ से दबाव का भी जिक्र किया था। गायब होने के अगले ही दिन मेंगलुरु के निकट एक नदी से उनका शव बरामद किया गया था।

केंद्र और अधिकारियों में संवादहीनता

कॉरपोरेट जगत को टैक्स अधिकारियों के किसी भी बेजा दबाव से मुक्त रखने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाला हर उद्यमी सम्मान का हकदार है। लेकिन लगता है कि केंद्र सरकार और टैक्स विभाग के अधिकारियों में संवादहीनता है। विशाखापत्तनम जोन के सीमा शुल्क और सीजीएसटी चीफ कमिश्नर नरेश पेनुमाका ने कहा है कि जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करने वालों पर वे सख्त कार्रवाई करेंगे।


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