कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा तोहफा, टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा अब 20 लाख रुपए होगी
केंद्र सरकार ने ग्रैच्युटी की सीमा को दोगुना करने के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे दी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कर्मचारियों के लिए ग्रैच्युटी की सीमा को दोगुना करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। यह बढ़ी हुई सीमा सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होगी ताकि उन्हें केंद्रीय कर्मचारियों के समकक्ष लाया जा सके।
सरकार ने संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए उस संशोधित विधेयक के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है, जो टैक्स फ्री ग्रेच्युटी राशि की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर दोगुनी कर 20 लाख रुपए करने से संबंधित है। सरकार इस विधेयक को संसद में पेश करेगी। मौजूदा कानून के तहत ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये है।
बढ़ेगा केंद्रीय कर्मचारियों का डीए:
सरकारी कर्मचारियों को महंगाई से राहत देते हुए महंगाई भत्ता मौजूदा चार प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। केन्द्र के इस कदम से एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
अब तक महंगाई भत्ता चार प्रतिशत था। बढ़ी हुई दर एक जुलाई से प्रभावी होगी। महंगाई भत्ता बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में सरकार के खजाने पर आठ महीने में करीब 2045 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि पूरे वित्त वर्ष में इस कदम से 3068 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ खजाने पर पड़ेगा। इससे 49.26 लाख सरकारी कर्मचारियों और 61.17 लाख पेंशनरों को राहत मिलेगी।
खास बातें:
- 10 या उससे अधिक कर्मचारियों की संख्या वाले संस्थानों पर ग्रैच्युटी कानून लागू होता है।
- यदि कोई संस्थान इसके अंतर्गत नहीं है तो वह अपने एंप्लॉयीज को एक्सग्रेशिया पेमेंट कर सकता है।
- कानून के तहत कोई भी कर्मचारी लगातार 5 साल या फिर उससे अधिक वक्त तक संस्थान में काम करता है, तभी वह ग्रैच्युटी का हकदार होता है।
- आमतौर पर कर्मचारी के रिटायर होने पर ही ग्रैच्युटी का भुगतान किया जाता है। हालांकि कुछ स्थितियों में कर्मचारी को ग्रैच्युटी का लाभ दिया जा सकता है।