बैंकों को टैक्स डिफॉल्टर्स की संपत्ति का ब्योरा देगा इनकम टैक्स विभाग
CBDT ने I-T department को आदेश दिया है कि वे ऐसे loan defaults की संपत्तियों और अकाउंट्स का ब्योरा सरकारी बैंकों को दें जिनके बारे में बैंकों ने विभाग से ब्योरे की मांग की हो।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इनकम टैक्स (आइटी) विभाग को आदेश दिया है कि जनहित में वे ऐसे लोन डिफॉल्टर्स की संपत्तियों और अकाउंट्स का ब्योरा सरकारी बैंकों को दें, जिनके बारे में बैंकों ने विभाग से ब्योरे की मांग की हो। इस कदम का मकसद डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसना और जनता के पैसे की वसूली करने में मदद करना है। सीबीडीटी के ताजा आदेश के मुताबिक टैक्स विभाग इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) में से ये सूचनाएं निकालेगा।
सीबीडीटी ने बुधवार को अपने सभी फील्ड अधिकारियों को यह आदेश जारी किया। सीबीडीटी आइटी विभाग की नीति तय करता है। सीबीडीटी ने कहा कि कई सरकारी बैंकों की ओर से डिफॉल्टर्स की सूचनाओं के लिए आवेदन मिले हैं, जिनमें बैंकों ने रिकवरी के लिए लोन डिफॉल्टर्स की अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। इसके बाद जनहित को देखते हुए यह आदेश जारी किया जा रहा है।
सीबीडीटी का मानना है कि लोन डिफॉल्टर्स की संपत्तियों का ब्योरा सरकारी बैंकों से साझा करना जनहित में है और ये सूचनाएं दी जा सकती हैं। यदि सरकारी बैंक की ओर से अनुरोध किया गया हो, तो संपत्ति के ब्योरे के अलावा बैंक अकाउंट्स और लोन डिफॉल्टर्स के देनदारों के भी विवरण साझा किए जा सकते हैं। डिफॉल्टर्स के आंकड़े इनकम टैक्स कानून की धारा 138 (एक)(बी) के तहत साझा किए जाएंगे। आदेश में कहा गया है कि विभाग के पास ये सूचनाएं 50 लाख रुपये सालाना से अधिक आय वाले व्यक्ति या हंिदूू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की ओर से जमा किए गए आइटीआर के जरिये उपलब्ध होती है।
सीबीडीटी ने कहा है कि टैक्स अधिकारी सिर्फ कर्जदाता, मोर्टगेजर और गारंटर की सूचनाएं ही साझा कर सकते हैं। बैंक को सूचना देते समय बैंक और उसके एक अधिकारी से लिखित गारंटी ली जाएगी कि इन सूचनाओं का उपयोग सिर्फ वसूली के लिए होगा।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप