नैनो के निवेश को बट्टे खाते में डाल दिया: टाटा मोटर्स
टाटा मोटर्स ने बीते शुक्रवार को कहा कि उसने नैनो कार में विकास लागत और निवेश को उल्लेखनीय रूप से बट्टे खाते में डाल दिया है और अब वह तेजी से बढ़ते आकर्षक यात्री वाहन बाजार पर नए सिरे से ध्यान देने की रणनीति पर काम कर रही है।
नई दिल्ली: टाटा मोटर्स ने बीते शुक्रवार को कहा कि उसने नैनो कार में विकास लागत और निवेश को उल्लेखनीय रूप से बट्टे खाते में डाल दिया है और अब वह तेजी से बढ़ते आकर्षक यात्री वाहन बाजार पर नए सिरे से ध्यान देने की रणनीति पर काम कर रही है। इससे पहले कंपनी ने टाटा मोटर्स की खराब स्थिति के लिए नैनो को जिम्मेदार ठहराया था। आपको बता दें कि बीते माह ही टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री को उनके पद से हटाकर रतन टाट ने खुद कमान संभाल ली थी।
साइरस मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि नैनो को बंद नहीं करने के पीछे एक भावनात्मक कारण के अलावा एक और वजह इलेक्ट्रिक कार निर्माता को ग्लाइडर की आपूर्ति भी है, जिसमें रतन टाटा की हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स ने बंबई शेयर बाजार को भेजे स्पष्टीकरण में कहा, ‘कई कारणों मसलन परियोजना में देरी, कारखाने के गंतव्य में बदलाव और कम मूल्य की कार की अवधारणा आदि की वजह से मात्रा के हिसाब से बढ़ोतरी उम्मीद के अनुरूप नहीं रही और क्षमता का इस्तेमाल उल्लेखनीय रूप से कम रहा।’ इसमें आगे कहा गया है कि मूल्य की दृष्टि से संवेदनशील बाजार, कम मात्रा की वजह से यह घाटे का उत्पाद है।
गौरतलब है कि बीते माह ही शेयर बाजार ने टाटा ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों से साइरस मिस्त्री बयान के संदर्भ में एक स्पष्टीकरण मांगा था।