टाटा बोर्डरूम विवाद से समूह की कंपनियों की रेटिंग पर असर नहीं: मूडीज
टाटा ग्रुप में निदेशक-मंडल के अंदर चल रहे खींचतान के बावजूद समूह की अन्य कंपनियों के कामकाज पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप में निदेशक-मंडल के अंदर चल रहे खींचतान के बावजूद समूह की अन्य कंपनियों के कामकाज पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। ऐसा मूडीज इनवेस्टर्स सर्विसेस ने कहा है। लेकिन रेटिंग कंपनी ने यह भी कहा है कि ग्रुप की रणनीति या फिर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की तरफ से कारोबारी कंपनियों के समर्थन में बदलाव से उनकी रेटिंग पर दबाव बढ़ सकता है।
मूडीज के अनुसार ग्रुप में निदेशक मंडल के स्तर पर चल रही फेरबदल के बावजूद टाटा ग्रुप की चार कंपनियों की रेटिंग को टाटा संस के समर्थन का फायदा मिलता रहेगा। मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ विश्लेषक कौस्तुभ चौबल ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि ग्रुप में निदेशक मंडल के स्तर पर चल रही फेरबदल के बाद भी जरूरत पड़ने पर टाटा संस अपनी प्रमुख संचालन कंपनियों को समर्थन देना जारी रखेगा।
ग्रुप की कंपनियों में उसकी नकद होल्डिंग और सूचीबद्ध इक्विटी निवेश के मूल्य को देखते हुए टाटा संस यह करता रहेगा। इस लिहाज से टाटा ग्रुप की चार कंपनियां जो कि टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल्स, टाटा स्टील और टाटा पावर है, उनकी रेटिंग लगातार एक पायदान ऊपर रहेगी।
आपको बता दें कि मूडीज का यह आकलन इस बात पर आधारित है कि जरूरत पड़ने पर कंपनियों को टाटा संस से समर्थन मिलता रहेगा और जहां तक ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की रेटिंग का सवाल है तो, कंपनी की आंतरिक साख मजबूती उसकी रेटिंग में झलकती रहेगी। मूडीज का मानना है कि नेतृत्व में बदलाव होने के बाद भी टाटा की रेटिंग वाली सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में कामकाज पहले जैसा ही चलता रहेगा। इसपर कोई असर नहीं पड़ेगा।