पिछले दरवाजे से रिटेल सेक्टर में सेंध लगा रही है वालमार्ट
स्वदेशी जागरण मंच ने पत्र लिख प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की, संगठन ने फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे को देश के लिए बताया घातक
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे का विरोध किया है। मंच ने सौदे को देशहित के विरुद्ध बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। मंच का कहना है कि इस सौदे के जरिये वालमार्ट पिछले दरवाजे से रिटेल सेक्टर में दखल बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रिटेल कारोबार के जुड़े निचले तबके के हितों की रक्षा की अपील की है। पत्र के मुताबिक, मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की अनुमति नहीं होने के कारण वालमार्ट ई-कॉमर्स का रास्ता अपना रही है। यह सौदा छोटे और मझोले कारोबारियों और दुकानदारों को खत्म करेगा और रोजगार सृजन के अवसर भी कम करेगा। बहुत से छोटे कारोबारी अभी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। वालमार्ट के दखल के बाद उनके लिए हालात और मुश्किल होंगे। मंच ने इस सौदे में नियमों के उल्लंघन का मामला भी उठाया है।
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा, ‘यह सौदा दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं। अब संकट हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है।’ प्रधानमंत्री से दखल की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वालमार्ट चीनी वस्तुओं के सबसे बड़े आयातकों में से है। यह सौदा मेक इन इंडिया अभियान के लिए भी घातक होगा। सूत्रों का कहना है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने स्वदेशी जागरण मंच को भरोसा दिलाया है कि मंत्रलय इस मामले पर विचार करेगा।
दूसरी ओर, उद्योग संगठन एसोचैम ने इससे इतर राय रखी है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने इस सौदे को बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, ‘क्या यह अच्छी बात नहीं है कि एक स्टार्टअप खुद को 21 अरब डॉलर की कंपनी बना लेता है। तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय उद्यमियों की यह सफलता सलाम करने के काबिल है।
व्यापारियों को ई-कॉमर्स सेक्टर बरबाद होने का अंदेशा
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे को देश के ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए घातक बताया है। संगठन का कहना है कि इस सौदे से ई-कॉमर्स सेक्टर बरबाद हो जाएगा। इससे प्रतिस्पर्धी माहौल पर बुरा असर पड़ेगा। यह सौदा आगे चलकर ई-कॉमर्स के जरिये भारत के रिटेल कारोबार पर कब्जा करने की वालमार्ट की रणनीति का हिस्सा है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को तत्काल ई-कॉमर्स कारोबार के नियमन की दिशा में कदम उठाना चाहिए। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सौदे पर सीधे टिप्पणी से परहेज किया।