रूस के साथ व्यापार और निवेश की व्यापक संभावनाएं: सुरेश प्रभु
प्रभु ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत व रूस के बीच व्यापार व निवेश के रिश्ते बहुत मजबूत हैं। इनमें आगे भी व्यापक संभावनाएं हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत और रूस के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र में मजबूत संबंध हैं। आगे भी इन क्षेत्रों में व्यापक गुंजाइश है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को यह बात कही। प्रभु सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच, 2018 में भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंने यहां रूस के उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच व्यापार व निवेश और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
प्रभु ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत व रूस के बीच व्यापार व निवेश के रिश्ते बहुत मजबूत हैं। इनमें आगे भी व्यापक संभावनाएं हैं। हम अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे, जो सभी पक्षों के हित में होगा।’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कृषि, रक्षा व लॉजिस्टिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की बड़ी गुंजाइश है।
प्रभु ने स्तावरोपोल के गवर्नर व्लादिमीर व्लादिमीरोव तथा रूस के पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री अलेक्जेंडर कोजलोव से भी मुलाकात की। इसके अलावा वे कई प्रतिनिधि मंडलों से भी मिले। व्यापार बढ़ाने के लिए भारत चाहता है कि रूस यहां हीरे के कारोबार की संभावनाओं को विस्तार दे। भारत का मत है कि फार्मा, टेक्सटाइल, कृषि उत्पाद और मशीनरी व इंजीनियरिंग उत्पादों में व्यापार के लिए अपनी मुद्राओं का प्रयोग होना चाहिए।
भारत ने रूस के विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार बढ़ाने का भी फैसला किया है। विभिन्न बैठकों के दौरान दोनों पक्षों ने माना कि द्विपक्षीय कारोबार बढ़ा है। हालांकि अब भी यह क्षमता से बहुत कम है। अभी इसमें व्यापक संभावनाएं हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2016-17 में 7.5 अरब डॉलर हो गया। इससे एक साल पहले यह 6.2 अरब डॉलर रहा था। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस दौरे पर दोनों देशों के बीच कारोबार को बढ़ाने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चर्चा की थी।