Tata Mistry Dispute: रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की याचिका को रद्द करने के NCLAT के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
Tata Mistry Dispute रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने टाटा संस को प्राइवेट कंपनी बनाने के मामले में NCLT से अपने फैसले से गैर-कानूनी और RoC की मदद से शब्द हटाने की अपील की थी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टाटा संस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की याचिका को रद्द करने के एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी है। टाटा संस द्वारा इस संबंध में अपील की गई थी। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने टाटा संस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की याचिका को 6 जनवरी को खारिज किया था।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने टाटा संस को प्राइवेट कंपनी बनाने के मामले में एनसीएलएटी से अपने फैसले से 'गैर-कानूनी और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की मदद से' शब्द हटाने की अपील की थी। इस पर NCLAT ने इन शब्दों को हटाने से मना कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े, न्यायाधीश बी आर गवई और सुर्यकांत टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की अपील पर सुनवाई करने के लिए सहमत हुए हैं और इस बारे में उन्होंने संबधित पक्षों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ टाटा संस द्वारा दाखिल मुख्य याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई करेगा।
Supreme Court issues notice on a plea of Tata Sons challenging January 6 order of the National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) by which it had dismissed a plea by Registrar of Companies in Mumbai seeking a modification to the judgement in the Cyrus Mistry-Tata Sons dispute— ANI (@ANI) January 24, 2020
इससे पहले 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के एग्जिक्यूूटिव चेयरमैन के पद पर बहाल करने के फैसले पर भी रोक लगाई थी। जस्टिस एस ए बोबडेे की बेंच ने NCLAT के इस फैसले पर रोक लगाई थी। बेंच ने कहा था कि एनसीएलएटी ने मिस्त्री को उतनी राहत दे दी, जितनी उन्होंने मांगी नहीं थी। यहां बता दें कि टाटा संस द्वारा अक्टूबर 2016 में सायरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाया गया था।