Cryptocurrency मामले में RBI के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
RBI ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किये हलफनामे में कहा था कि उसने केवल अपने नियमन के अंतर्गत आने वाले बैंकों और अन्य इकाइयों को इसके जोखिमों से बचाने के लिए यह कदम उठाया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के उस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड वाली बैंकिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था। गौरतलब है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर नियमित संस्थानों पर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े व्यक्तियों या गतिविधियों को सेवा देने पर रोक लगा दी थी।
यहां बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस करेंसी में कूटलेखन तकनीक का प्रयोग होता है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है। यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है। क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है।
इससे पहले आरबीआई द्वारा कहा गया था कि उसने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। केंद्रीय बैंक द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किये गए एक हलफनामे में कहा गया था कि उसने केवल अपने नियमन के अंतर्गत आने वाले बैंकों और अन्य इकाइयों को इसके जोखिमों से बचाने के लिए यह कदम उठाया है।
Supreme Court reserves its order on pleas objecting to Reserve Bank of India (RBI)'s decision which banned banking services from dealing with cryptocurrency trade. pic.twitter.com/Blc0L5NWST— ANI (@ANI) January 28, 2020
आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है। जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। आरबीआई का कहना है कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लाउंड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है।