AGR: सुनील मित्तल ने की दूरसंचार सचिव से मुलाकात, कहा- Airtel ने कर दिया है कुल बकाये का भुगतान
AGR Dues एयरटेल ने सरकार को 13004 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। Bharti Airtel के चेयरमैन सुनील मित्तल ने बुधवार को कहा कि कंपनी ने पूरे एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू का भुगतान कर दिया है। एयरटेल ने इस मद में अब तक 13,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह बयान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने चार मार्च को Bharti Airtel, Vodafone Idea और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक और देरी किए बिना बकाया एजीआर का भुगतान करने को कहा था। टेलीकॉम सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ बैठक के बाद मित्तल ने बुधवार को कहा, 'उन्होंने कहा फुल पेमेंट कीजिए....हम पहले ही कुल बकाया का भुगतान कर चुके हैं।' बकौल मित्तल सरकार ने कंपनियों को कुल बकाया राशि का खुद से आकलन करने को कहा था और एयरटेल ऐसा करने के बाद पूर्ण भुगतान कर चुकी है।
उल्लेखनीय है कि एयरटेल ने सरकार को 13,004 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि, दूरसंचार विभाग की गणना के मुताबिक एयरटेल पर एजीआऱ के रूप में 35,586.01 करोड़ रुपये की देनदारी है।
इससे पहले खबर आ रही थी कि एजीआर बकाये पर टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने के लिए सरकार उन्हें भुगतान के लिए और समय दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट को भी यही बताया जाएगा कि सिर्फ वक्त बढ़ाया जा रहा है लेकिन राशि पूरी चुकानी होगी। संचार मंत्रालय की ओर से इस आशय का कैबिनेट नोट तैयार किया गया है जिस पर शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में विचार होने की संभावना है।
एजीआर बकायों पर सुप्रीमकोर्ट के अक्टूबर के फैसले के तहत टेलीकॉम कंपनियों ने कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये के बकाये में से अभी तक मात्र लगभग 26 हजार करोड़ रुपये की राशि दूरसंचार विभाग को अदा की है। जबकि बाकी रकम अदा करने में वे आनाकानी कर रही हैं। उनका कहना है कि खराब माली हालत और भारी कर्ज के चलते वे इतनी बड़ी रकम अदा करने में असमर्थ हैं। इसलिए सरकार को उनके लिए राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए। यही नहीं, वोडाफोन और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों ने तो अपने आंतरिक आकलन के आधार पर दूरसंचार विभाग के आकलन पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। हालांकि बकाये को विवादास्पद बनाये रखने का उनका ये पैंतरा सरकार पर चलता नहीं दिख रहा है। बुधवार को लोकसभा में सरकार की ओर से दिए गए जवाब से ये स्पष्ट है। एक सवाल के जवाब में संचार राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के फैसले के अनुपालन में टेलीकॉम कंपनियों ने अब तक लगभग 25,900 करोड़ रुपये की रकम का ही भुगतान किया है। लेकिन 17 मार्च को सुप्रीमकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई से पहले सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से पूरी रकम अदा करने को कहा है। इस संबंध में सरकार की ओर से 4 मार्च को ही टेलीकॉम कंपनियों को नया पत्र भेजा गया है।
इससे पहले सरकार पिछले वर्ष 24 अक्टूबर, तथा 13 नवंबर को तथा इस वर्ष 20 जनवरी तथा 14 फरवरी को भी टेलीकॉम कंपनियों को बकाये के भुगतान के लिए पत्र लिख चुकी है। धोत्रे के अनुसार अब तक सबसे बड़ी कंपनियों में भारती एयरटेल ने 18,004 करोड़, जबकि वोडाफोन आइडिया ने 3,500 करोड़ रुपये की बकाये की रकम अदा की है। इनके अलावा 4,197 करोड़ रुपये की रकम टाटा टेली सर्विसेज, 3.9 करोड़ रुपये की रकम रिलायंस टेलीकम्यूनिकेशंस तथा करीब 195 करोड़ की रकम रिलायंस जियो की ओर से अदा की गई है। टेलीकॉम सेक्टर में एकाधिकार तथा समूहबंदी पर अंकुश लगाने के लिए एंट-ट्रस्ट कानून बनाए जाने के प्रश्न पर धोत्रे ने कहा कि 'ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।'
टेलीकॉम कंपनियों की माली हालत के बारे में पूछे गए सवाल पर धोत्रे ने माना कि सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआइ) की ओर से सदस्य टेलीकॉम कंपनियों को अप्रत्याधित वित्तीय बोझ से बचाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई है। जिसके जवाब में सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में स्पेक्ट्रम नीलामी की रकम का भुगतान स्थगित रखने की छूट दी है।