Sukanya Samriddhi Yojana: शेयर बाजारों में गिरावट के समय बेहतर रिटर्न के लिए इस योजना में कर सकते हैं निवेश
Sukanya Samriddhi Yojana सुकन्या समृद्धि योजना 8.4 फीसद की अच्छी-खासी ब्याज दर की पेशकश करती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस के चलते इस समय औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई है। इस वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए बुधवार से भारत में 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन चल रहा है। वहीं, वैश्विक मंदी की प्रबल आशंकाएं हैं। इन परिस्थितियों के चलते इक्विटी बाजार धराशायी हुए पड़े हैं। ऐसे में अगर आप अपने बचत से कहीं लंबी अवधि का निवेश करने का सोच रहे हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। अगर आपके परिवार में गर्ल चाइल्ड है, तो आप इस योजना के जरिए उसके भविष्य को भी समृद्ध बना सकते हैं। इस योजना में हाल ही में कुछ बदलाव हुए हैं।
वित्त मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2019 को एक नोटिफिकेशन जारी कर योजना के कुछ पुराने नियमों को बदला है। सुकन्या समृद्धि योजना 8.4 फीसद की अच्छी-खासी ब्याज दर की पेशकश करती है। साथ इस योजना में आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स में कुछ लाभ भी लिये जा सकते हैं।
जानिए सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़ी मुख्य बातें:
- दस साल से कम उम्र की गर्ल चाइल्ड के प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक द्वारा इस योजना में खाता खुलवाया जा सकता है। प्राकृतिक और कानूनी अभिभावक अपनी केवल दो बेटियों के लिए इस योजना के तहत अकाउंट खुलवा सकते हैं।
- इस योजना में 8.4 फीसद का आकर्षक ब्याज मिलता है, जो कि आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत पूरी तरह टैक्स फ्री है।
- इस योजना में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 1,000 रुपये निवेश किये जा सकते हैं। साथ ही एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1,50,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है।
- नए नियम के अनुसार, अगर कोई सब्सक्राइबर एक वित्त वर्ष में न्यूनतम राशि (Rs 250) का निवेश नहीं करता है, तो वह अकाउंट डिफॉल्ट माना जाता है।
- अकाउंट खुलने की तारीख से 14 साल तक खाते में राशि जमा करायी जा सकती है। वहीं, खाता खुलवाने के 21 साल बाद अकाउंट मैच्योर हो जाता है। अगर अकाउंट खोले जाने के 21 साल के पहले लड़की की शादी होती है, तो 21 साल से पहले भी अकाउंट मैच्योर हो जाता है। लड़की की शादी की तारीख के बाद अकाउंट आगे जारी नहीं रहता है। नए नियम के अनुसार, अकाउंट के मैच्योर होने की अवधि से पहले लड़की की मृत्यु हो जाती है, या कोई जानलेवा बीमारी हो जाती है या फिर अभिभावक की मौत हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में भी अकाउंट का प्री-मैच्योर क्लोजर किया जा सकता है।