Move to Jagran APP

चीनी मिलों पर 19000 करोड़ रुपये से ज्यादा का गन्ना बकाया

पासवान ने बताया कि बैठक में गन्ना उत्पादन को सब्सिडी से जोड़ने, चीनी पर उपकर, एथनॉल को जीएसटी के 18 फीसद के टैक्स दर से निकालकर पांच फीसद करने जैसे प्रस्ताव आए

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 10:01 AM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 10:01 AM (IST)
चीनी मिलों पर 19000 करोड़ रुपये से ज्यादा का गन्ना बकाया
चीनी मिलों पर 19000 करोड़ रुपये से ज्यादा का गन्ना बकाया

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के बढ़ते बकाए के समाधान के लिए गठित केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति की बैठक में चीनी उपकर, एथनॉल पर लगने वाले जीएसटी में कटौती और गन्ना किसानों को सब्सिडी देने जैसे उपायों पर विचार किया गया। फिलहाल चीनी मिलों पर 19 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना बकाया है।

loksabha election banner

केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान की बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय, कृषि, वाणिज्य, खाद्य, उपभोक्ता, पेट्रोलियम और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

बैठक के बाद पासवान ने बताया कि बैठक में गन्ना उत्पादन को सब्सिडी से जोड़ने, चीनी पर उपकर, एथनॉल को जीएसटी के 18 फीसद के टैक्स दर से निकालकर पांच फीसद करने जैसे प्रस्ताव आए। लेकिन प्रस्तावों पर फैसला लेने से पहले एक बैठक और होगी, जिसके बाद ही कैबिनेट नोट तैयार किया जा सकेगा। पासवान ने कहा, ‘पेट्रोल में एथनॉल मिलाना अनिवार्य बनाया जाएगा, तभी एथनॉल का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा। चीनी उद्योग के हितों के मद्देनजर सरकार ने पहले ही चीनी आयात को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। चीनी निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगाया गया है, ताकि घरेलू बाजार में चीनी के गिरते मूल्यों को थामा जा सके। हालांकि मिलों को 20 लाख टन चीनी निर्यात करने को कहा गया है।’

देश में चीनी का कुल उत्पादन रिकॉर्ड तीन करोड़ टन हो चुका है। इसमें अभी और बढ़ोतरी हो सकती है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक चीनी का दाम पिछले चार महीने में नौ रूपये किलो तक घटकर लागत मूल्य के नीचे आ गया है। इससे मिलों की हालत तंग हो गई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गन्ना किसानों का बकाया 12 अप्रैल तक 18,044 करोड़ रुपये था, जिसमें उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 8,869 करोड़ रुपये था। कर्नाटक की मिलों पर 2,420 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र की मिलों पर 2213 रुपये की गन्ने की बकायेदारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.