जैविक उपज के लिए बनाए जा रहे विशेष कृषि क्षेत्र, जानिए किन इलाकों में होगी ऑर्गेनिक फार्मिंग
कृषि मंत्रालय ने परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की वित्तीय मदद देती है। इसका 60 फीसद हिस्सा किसानों को जैविक खाद जैव कीटनाशक व वर्मी कंपोस्ट खरीदने के लिए प्राप्त होता है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पूर्वोत्तर राज्यों के साथ पिछड़े आदिवासी बहुल जिलों के किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से जैविक खेती पर बल दिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का न्यूनतम प्रयोग होता है, उन्हीं क्षेत्रों में विशेष जैविक क्षेत्र बनाए जाने पर जोर है। खेती की कमजोर कड़ी को ही जैविक खेती से ताकत में बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। जैविक उत्पादों की घरेलू बाजारों के साथ वैश्विक बाजार में भी पर्याप्त मांग है।
जैविक उत्पादों की मांग के मद्देनजर इस क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान का सीधा फायदा उन किसानों और छोटे उद्यमियों को मिलेगा जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है। कोविड-19 के बाद की स्थितियों के मद्देनजर तैयारियां शुरु कर दी गई हैं।
कृषि मंत्रालय ने परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की वित्तीय मदद देती है। इसका 60 फीसद हिस्सा किसानों को जैविक खाद, जैव कीटनाशक व वर्मी कंपोस्ट खरीदने के लिए प्राप्त होता है। केंद्र सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन मैनेजमेंट से इसका अध्ययन कराया है। इसकी रिपोर्ट के सकारात्मक नतीजे के बाद ही इसका प्रसार करने का फैसला लिया गया।
जैविक खेती में पैदावार शुरुआती दौर में जरूर घटती है, लेकिन लागत भी 10 से 20 फीसद कम होने से आमदनी में 50 फीसद तक बढ़ोतरी हो जाती है। जैविक खेती की सर्वाधिक संभावनाएं जनजातीय, पहाड़ी और दूरस्थ क्षेत्रों के अलावा असिंचित क्षेत्रों में बताई गई। इसी गुंजाइश के आधार पर पूर्वोत्तर राज्यों के साथ चिन्हित किए गए एक सौ से अधिक आकांक्षी जिलों को चुना गया है। फिलहाल कुल 28 लाख हेक्टेयर रकबा में जैविक खेती हो रही है। इसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड और असम में जैविक खेती का प्रसार हो रहा है। इन राज्यों व जिलों में विशेष जैविक कृषि क्षेत्र बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।