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सॉवरन गोल्ड बॉण्ड स्कीम का सब्सक्रिप्शन 20 अप्रैल तक के लिए खुला, जानिए इससे जुड़ी बड़ी बातें

सॉवरन गोल्ड बॉण्ड्स 2018-19 सीरीज 1 स्कीम के तहत इश्यू प्राइज 3114 रुपये प्रति ग्राम है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 12:36 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 12:44 PM (IST)
सॉवरन गोल्ड बॉण्ड स्कीम का सब्सक्रिप्शन 20 अप्रैल तक के लिए खुला, जानिए इससे जुड़ी बड़ी बातें
सॉवरन गोल्ड बॉण्ड स्कीम का सब्सक्रिप्शन 20 अप्रैल तक के लिए खुला, जानिए इससे जुड़ी बड़ी बातें
style="text-align: justify;">नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड 2018-19 सीरीज-1 स्कीम के लिए सब्सक्रिप्शन 16 अप्रैल से खुल गया है। यह 20 अप्रैल को बंद हो जाएगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड फिजिकल गोल्ड में निवेश करने का एक विकल्प है। इस स्कीम को पिछले वर्ष नवंबर में लॉन्च किया गया था। रिजर्व बैंक सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करता है। स्कीम का उदेश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना और घरेलू बचत के लिए नए विकल्प की ओर लोगों का रुझान बदलना था, ताकि वे फाइनेंशियल सेविंग के लिए सोने की खरीद कर पाएं।

जानिए इससे जुड़ीं बड़ी बातें-

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  • इन बॉन्ड्स की बिक्री बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), अधिकृत पोस्ट ऑफिस और एनएसई व बीएसई के जरिए की जाएगी। कई बैंक और ब्रोकेजेस निवेशकों को सॉवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में ऑनलाइन माध्यम से निवेश करने का विकल्प भी दे रहे हैं। यह सब्सक्रिप्शन के लिए दोनों डिमैट और पेपर फॉर्म में उपलब्ध है।
  • जो लोग सॉवरन गोल्ड बॉण्ड स्कीम में ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन कर डिजिटल माध्यम से भुगतान करना चाहते हैं उनके लिए सरकार डिस्काउंट दे रही है। सॉवरन गोल्ड बॉन्ड की कीमत इश्यू प्राइस से 50 रुपये कम है। इन बॉण्ड्स पर 2.50 फीसद की फिक्स्ड ब्याज दर मिलती है।
  • यह एक ग्राम के गुणांक में उपलब्ध होते हैं।
  • सॉवरन गोल्ड बॉण्ड्स 2018-19 सीरीज 1 स्कीम के तहत इश्यू प्राइज 3114 रुपये प्रति ग्राम है। ऑनलाइन माध्यम से सब्सक्राइब कर रहे लोगों के लिए इश्यू प्राइज 3064 रुपये प्रति ग्राम है।
  • इनमें न्यूनतम निवेश एक ग्राम है और अधिकतम किसी भी व्यक्ति के लिए चार किलोग्राम है। गोल्ड बॉन्ड में 8 साल के लिए निवेश करना जरूरी है, जिसे कम से कम 5 साल के लिए बनाए रहना होगा।
  • बॉन्ड्स एक्सचेंजों पर लिस्ट किए जाएंगे ताकि निवेशक अच्छी वॉल्यूम के चलते पांच वर्ष से पहले एग्जिट कर सके।
  • यह डिमैट फॉर्मेट में उपलब्ध है ताकि निवेशक को फिजिकल गोल्ड की तरह इसकी सुरक्षा की चिंता न करनी पड़ें।
  • जरूरत पड़ने पर गोल्ड बॉन्ड के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। गोल्ड बॉन्ड पेपर को लोन के लिए कोलैटर्ल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पोस्ट ऑफिस की नैश्नल सेविंग सर्टिफिकेट के जैसा होता है।
  • गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है। गोल्ड बॉन्ड में मिलने वाला सोना शत प्रतिशत शुद्ध सोने की ही वैल्यु देता है।

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