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Small Finance और Commercial Bank में क्या होता है अंतर, किसमें निवेश करना अधिक सुरक्षित?

Commercial Bank and Small Finance (SFB) Banks Difference स्मॉल फाइनेंस बैंक लगभग कॉमर्शियल बैंक की तरह ही कार्य करते हैं लेकिन इनका फोकस छोटे व्यापारियों छोटे किसानों अंसगठित क्षेत्र के लोगों और MSME पर अधिक होता है। (जागरण गाफिक्स)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Mon, 06 Mar 2023 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2023 06:09 PM (IST)
Small Finance Bank vs Commercial Bank Difference

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Small Finance vs Commercial Bank: बैंकिंग सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था का बहुत प्रमुख हिस्सा होता है। बैंकों के जरिए ही लोगों और व्यापारियों को लोन, जमा और अन्य प्रकार की बैंकिंग सुविधाएं दी जाती हैं। जब भी भारत में बैंकों की बात होती है, तो उन्हें कार्यों के आधार पर विभाजित किया गया है, जिसमें कॉमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और कॉपरेटिव बैंक को शामिल किया जाता है। आज हम अपनी रिपोर्ट में कॉमर्शियल बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक के बीच के अंतर को समझेंगे।

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क्या होता है कॉमर्शियल बैंक?

कॉमर्शियल बैंक ऐसे बैंकों को कहते हैं, जो लोन देने, जमा स्वीकार करने की सुविधा पब्लिक, कारोबारियों और सरकार को देते हैं। इन बैंकों पर लोन आदि देने को लेकर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं होती है। ये अपने हिसाब से अपनी व्यापार करने की रणनीति निर्धारित कर सकते हैं। उदाहरण - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया।

क्या होता है स्मॉल फाइनेंस बैंक?

स्मॉल फाइनेंस बैंक की स्थापना देश में वित्तीय सेवाओं के तेजी से विस्तार के लिए की गई है, जिससे ऐसे इलाकों में वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके, जहां अभी तक वित्तीय सेवाएं नहीं पहुंची हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक को शुरू करने के लिए बड़े कॉमर्शियल बैंकों के मुकाबले काफी पूंजी की आवश्यकता होती है। आमतौर पर स्मॉल फाइनेंस बैंक का फोकस छोटे व्यापारियों, छोटे किसानों, अंसगठित क्षेत्र के लोगों और एमएमई पर होता है।

कॉमर्शियल बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक में अंतर?

  • दोनों ही बैंकों को आरबीआई की ओर से रेगुलेट किया जाता है।
  • कॉमर्शियल बैंक किसी को भी लोन दे सकते हैं, जबकि स्मॉल फाइनेंस बैंक पर्सनल लोन, गोल्ड लोन, एमएसएमई लोन और वाहन लोन आदि ही उपलब्ध कराते हैं।
  • कॉमर्शियल बैंकों में सभी प्रकार के ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएं मिलती हैं। वहीं, स्मॉल फाइनेंस बैंक का फोकस छोटे लोन के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों, अंसगठित क्षेत्र के लोगों और एमएसएमई पर होता है।
  • कॉमर्शियल बैंकों को शुरू करने के लिए बड़ी मात्रा में पूंजी की जरूरत होती है, जबकि स्मॉल फाइनेंस बैंक को शुरू करने के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपये की पूंजी का आवश्यकता होती है।
  • स्मॉल फाइनेंस बैंक 50 लाख से अधिक के लोन नहीं दे सकते हैं, जबकि कॉमर्शियल बैंकों के साथ ऐसी कोई भी लिमिट नहीं है।

स्मॉल फाइनेंस बैंक में निवेश कितना सुरक्षित

स्मॉल फाइनेंस बैंक को कॉमर्शियल बैंक की तरह ही आरबीआई द्वारा रेगुलेट किया जाता है। इस कारण आपका निवेश डूबने का खतरा काफी होता है, लेकिन किसी भी स्मॉल फाइनेंस बैंक में निवेश करने और खाता खोलने से पहले उसके बारे में अच्छे से जांच पड़ताल कर लें।

 


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