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फंड जुटाने की तैयारी में एयरटेल, 52.5 करोड़ डॉलर की कीमत के शेयर खरीदेगा सिंगटेल

राइट्स ऑफर के बाद सिंगटेल की एयरटेल में हिस्सेदारी में बढ़कर 35.2 फीसद हो जाएगी सिंगटेल की एयरटेल में सीधी और प्रत्यक्ष 15 फीसद की हिस्सेदारी है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 08:24 AM (IST)
फंड जुटाने की तैयारी में एयरटेल, 52.5 करोड़ डॉलर की कीमत के शेयर खरीदेगा सिंगटेल
फंड जुटाने की तैयारी में एयरटेल, 52.5 करोड़ डॉलर की कीमत के शेयर खरीदेगा सिंगटेल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। फंड जुटाने की तैयारी कर भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल में सिंगापुर टेलीकम्युनिकेशंस लिमिटेड (सिंगटेल) 52.5 करोड़ डॉलर की कीमत के शेयर खरीदेगी। एयरटेल भारत की दूसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी है।  

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एयरटेल शेयर और बॉन्ड्स बिक्री की मदद से 4.6 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी ने पिछले महीने ही फंड जुटाए जाने की योजना बनाई थी ताकि बढ़ते कर्ज के दबाव को कम किया जा सके।

भारती एयरटेल की योजना 220 रुपये प्रति शेयर के लिहाज से 250 अरब रुपये जुटाने की योजना है, जो मौजूदा शेयर प्राइस के मुकाबले करीब 20 फीसद का डिस्काउंट है। इसके अलावा 70 अरब रुपये की राशि विदेशी मुद्रा वाले बॉन्ड के जरिए जुटाने की है।

राइट्स ऑफर के बाद सिंगटेल की एयरटेल में हिस्सेदारी में बढ़कर 35.2 फीसद हो जाएगी सिंगटेल की एयरटेल में सीधी और प्रत्यक्ष 15 फीसद की हिस्सेदारी है।

सिंगटेल इंटरनैशनल ग्रुप के सीईओ ऑर्थर लंग ने कहा, 'हम राइट्स ऑफर में शिरकत कर रहे हैं। यह एयरटेल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और भारतीय बाजार के भविष्य को लेकर हमारा विश्वास है।'

भारतीय एयरटेल के दो बड़े शेयरधारक भारती ग्रुप और भारती टेलीकॉम अपने हिस्से के शेयरों की खरीदारी करेंगे। वहीं सिंगापुर का जीआईसी प्राइवेट लिमिटेड करीब 50 अरब रुपये की पूंजी निवेश करेगा।

भारतीय टेलीकॉम मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से अन्य कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। दिसंबर तिमाही में भारती एयरटेल के मुनाफे में करीब 72 फीसद की गिरावट आई है। वहीं सिंगटेल के मुनाफे में तीसरी तिमाही में 14 फीसद की कमी आई है।

रिलायंस जियो इन्फोकॉम के प्राइस वॉर की वजह से अन्य टेलीकॉम कंपनियों को न केवल अपने डेटा प्लान को संशोधित करना पड़ा है, बल्कि कीमतों में कटौती के लिए भी मजूबर होना पड़ा है।

2016 में मुकेश अंबानी ने जियो के जरिए टेलीकॉम बाजार में प्राइस वॉर की शुरुआत की थी। जियो ने मुफ्त वॉयस कॉल और बेहद सस्ती कीमत पर डेटा ऑफर कर टेलीकॉम मार्केट में तहलका मचा दिया था। करीब दो सालों से भी कम समय में जियो के पास 28 करोड़ से अधिक उपभोक्ता है, और वह भारतीय बाजार की तीसरी बड़ी कंपनी बन चुकी है। सबसे बड़ी कंपनी वोडाफोन-आइडिया और दूसरी बड़ी कंपनी एयरटेल है।

जियो के आने के बाद भारतीय बाजार में एकीकरण की शुरुआत हुई और वोडाफोन और आइडिया का विलय हुआ।

जियो के प्राइस वॉर की वजह से बाजार में मौजूदा अन्य टेलीकॉम कंपनियों को डेटा की कीमतों में कटौती करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।

Cable.co.uk के मुताबिक भारत में जहां एक GB डेटा के लिए मात्र 18.5 रुपये का भुगतान करना पड़ता है, वहीं वैश्विक तौर पर इसके लिए 600 रुपये का भुगतान करना पड़ता है।

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