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जॉब चेंज करने के बाद पुराना सैलरी अकाउंट बंद करवाना है जरूरी? जानिए क्‍या हैं नफा-नुकसान

अगर कोई भी कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है तो बैंक सैलरी अकाउंट में मिलने वाली सभी फायदों को खत्म करते हुए उसे सामान्य सेविंग अकाउंट में तब्‍दील कर देता है।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 03:04 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 09:41 AM (IST)
जॉब चेंज करने के बाद पुराना सैलरी अकाउंट बंद करवाना है जरूरी? जानिए क्‍या हैं नफा-नुकसान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सैलरी अकाउंट में सामान्य सेविंग अकाउंट के मुकाबले अधिक बेनिफिट उपलब्‍ध करवाए जाते हैं। इस अकाउंट में मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) मेनटेन की जरूरत नहीं होती है। अगर कोई भी कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है तो बैंक सैलरी अकाउंट में मिलने वाली सभी फायदों को खत्म करते हुए उसे सामान्य सेविंग अकाउंट में तब्‍दील कर देता है। इसके सेविंग अकाउंट में सभी तरह के चार्ज और मिनिमम मंथली बैलेंस बनाए रखने की जरूरत हो जाती है। इसके लिए जरूरी है नौकरी बदलने पर या छोड़ने पर उस अकाउंट को बंद करवा दिया जाएगा। यहां हम आपको उन बातों के बारे में बता रहे हैं जिनके चलते सैलरी अकाउंट को नौकरी छोड़ने के बाद बंद कर देना चाहिए।

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नई जॉब का नया सैलरी अकाउंट

नई जॉब की शुरुआत के साथ ही नई कंपनी सैलरी अकाउंट खुलवाती है। अगर आपकी कंपनी पुराने बैंक में ही अकाउंट खुलवा रही है तो आप उसी बैंक में नया अकाउंट खुलवाने की जगह उसी को चालू रख सकते हैं और इसकी जानकारी अपने नियोक्ता को दे सकते हैं।

एडिशनल सेविंग बैंक अकाउंट

अगर वर्तमान नियोक्ता अलग बैंक में सैलरी अकाउंट खुलवा रहे हैं तो आप एक अलग से सेविंग अकाउंट भी रख सकते हैं। अगर आप पिछले सैलरी अकाउंट को सेविंग अकाउंट की तरह उपयोग कर रहे थे तो आप उसी को जारी रख सकते हैं। इसमें आपको सेविंग अकाउंट में मिलने वाली सभी तरह की सर्विस मिलेंगी।

मिनिमम एवरेज बैलेंस

अधिकतर सेविंग अकाउंट में मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने की जरूरत होती है। अगर अकाउंट में मिनिमम एवरेज बैलेंस नहीं रखा जाता है तो बैंक इसके लिए पेनल्टी लगाते हैं। इसके अलावा, मिनिमम एवरेज बैलेंस बनाए न रखने पर कई फ्री ट्रांजेक्शंस और सर्विस चार्जेबल हो जाती हैं। सैलरी अकांट को सेविंग अकाउंट में परिवर्तित करने पर तभी विचार करें जब आप इसमें एएमबी बरकरार रखने के बारे में जानते हों।

ट्रांजेक्शन चार्ज

अधिकतर ग्राहक आमतौर पर सेविंग अकाउंट खोलते समय चार्ज की लिस्ट को इग्नोर कर देते हैं। जबकि कुछ ट्रांजेक्शन चार्जेबल होती हैं और कुछ समय सीमा के बाद चार्जेबल हो जाती हैं। अधिक मिनिमम एवरेज बैलेंस वाले अकाउंट सेविंग अकाउंट फ्री लिमिट और ट्रांजेक्शन चार्ज माफ कर देते हैं।

डेबिट कार्ड पर ऑफर

क्रेडिट कार्ड की तरह बैंक डेबिट कार्ड पर कई प्रकार के ऑफर देते हैं। जैसे मूवी टिकट पर डिस्काउंट, खाने पर छूट, कैशबैक, यात्रा, फ्यूल आदि पर डिस्काउंट मिलता है। अगर आपके सैलरी अकाउंट का डेबिट कार्ड आपके खर्चों से मिलता है तो आप इसे सैलरी अकाउंट से नॉर्मल सेविंग अकाउंट में परिवर्तित कर सकते हैं।  

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