क्रिप्टोकरेंसी के असर को लेकर आरबीआई चिंतित, सरकार को कराया है अवगतः दास
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी से देश की इकोनॉमी में वित्तीय स्थिरता प्रभावित हो सकती है और उसने सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार यह बात कही।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी से देश की इकोनॉमी की वित्तीय स्थिरता प्रभावित हो सकती है और उसने सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार यह बात कही। दास ने एक निजी टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में कहा, ''हमें क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कुछ बड़ी आशंकाएं हैं। हमने सरकार को उससे अवगत करा दिया है। सरकार इस बात पर विचार कर रही है और मुझे उम्मीद है कि सरकार देर-सवेर इस बाबत निर्णय करेगी और जरूरत पड़ने पर संसद भी इस पर विचार करेगा और इस चीज को लेकर फैसला करेगा।''
दास ने कहा, ''मैं इसे स्पष्ट करना चाहता हूं कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी भिन्न है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदों का इस्तेमाल करने की जरूरत है, यह अलग बात है। लेकिन क्रिप्टो के संदर्भ में वित्तीय स्थिरता के दृष्टिकोण से बहुत बड़ी चिंता है और हमने सरकार से इसे साझा किया है। सरकार इस पर विचार करेगी और निर्णय लेगी।''
हालांकि, दास ने कुछ खास विवरण नहीं दिया लेकिन केंद्रीय बैंक पूर्व में मनी लॉड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिए डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त कर चुका है।
सरकार क्रिप्टोकरेंसीज में डीलिंग को रोकने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है। इसके अलावा डिजिटल करेंसी के लिए एक आधिकारिक फ्रेमवर्क बनाने पर भी बात चल रही है।
आरबीआई ने 2018 में बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं को क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को किसी तरह सपोर्ट करने से रोक लगा दी थी। डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल फ्रॉड के लिए किए जाने के बाद यह निर्णय किया गया था।
दास ने कहा कि आरबीआई इस मामले में काफी प्रासंगिक है और अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लांच करने की तैयारी में है। दास ने कहा, ''सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर काम चल रहा है। आरबीआई की टीम इसके तकनीकी पक्ष, प्रक्रिया से जुड़े पक्ष और इसे कैसे लागू किया जाएगा, इन मुद्दों पर काम कर रही है।''
अगर ऐसा होता है तो आरबीआई अन्य सेंट्रल बैंक की तरह डिजिटल करेंसी लांच करने वाला केंद्रीय बैंक बन जाएगा।