नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मुकदमेबाजी और मध्यस्थता में फंसे हजारों करोड़ रुपये को मुक्त कराने के प्रयास के तहत सरकार एक योजना पर विचार कर रही है। जल्द ही सरकार इसके लिए पर चर्चा के लिए एक पेपर लाएगी। इसमें शीघ्र समाधान के तौर-तरीके तय किए जाने की बात कही जा रही है।

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि इससे अनुबंध संबंधी विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग नियमों और शर्तों के अलावा अनुबंध संबंधी विवादों को निपटाने के लिए हितधारकों के सुझाव मांगेगा।

क्या है ये योजना

यह योजना उन सरकारी अनुबंधों से संबंधित विवादों को कवर करेगी, जो वर्तमान में मध्यस्थता या मुकदमेबाजी के अधीन हैं। योजना के तहत, ठेकेदार अनुबंध मूल्य की एक वैल्यू को स्वीकार करके विवादों के समाधान के लिए आगे आ सकते हैं। यह स्वैच्छिक होगा। समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में सोमनाथन ने कहा कि प्रतिशत को अलग से अधिसूचित किया जाएगा और यह 'उचित और निष्पक्ष' होगा, ताकि अधिक संख्या में लोग इसे ले सकें।

अगर दोनों पार्टियों की सहमति है तो विवाद सुलझा लिया जाएगा और दोनों पक्षों द्वारा मामले वापस ले लिए जाएंगे, ताकि ठेकेदार को अच्छी खासी रकम मिल सके। यह योजना स्वच्छ और पारदर्शी होगी।

नहीं होगी कोई बाध्यता

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि प्रस्ताव को स्वीकार करना या अस्वीकार करना कंपनी पर निर्भर करेगा। इसमें कोई कानूनी बाध्यता नहीं होगी। सोमनाथन ने कहा कि 'यदि संबंधित पक्ष मुकदमेबाजी जारी रखना चाहते हैं तो वे मुकदमेबाजी जारी रख सकते हैं। यदि वे मामले को बंद करना चाहते हैं, तो नकदी लें और आगे बढ़ें। योजना के तहत हम उन्हें यह विकल्प दे रहे हैं।'

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Edited By: Siddharth Priyadarshi