सेबी ने जारी किया आदेश, वित्तीय नतीजे लीक होने की एक्सिस बैंक करे जांच
वाट्सएप पर लीक हुए आंकड़े एक्सिस बैंक के अप्रैल-जून तिमाही के वित्तीय नतीजों से मिलते हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वाट्सएप पर कंपनियों की संवेदनशील वित्तीय जानकारियां लीक होने के मामले में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने पहला आदेश जारी किया है। उसने एक्सिस बैंक को अपना सिस्टम दुरुस्त करने और जिम्मेदारी तय करने के लिए आंतरिक जांच करने का आदेश दिया है। मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि बैंक की प्रक्रिया दुरुस्त न होने के कारण सूचनाएं लीक हुईं।
सेबी के अनुसार सेबी को जांच तीन महीने में पूरी करके रिपोर्ट उसके सात दिन के भीतर सौंपनी होगी। सेबी की जांच में पता चला कि वाट्सएप पर लीक आंकड़े बैंक के अप्रैल-जून 2017 तिमाही नतीजों से मिलते हैं या उनके आसपास हैं। एक्सिस बैंक समेत कुछ कंपनियों के वित्तीय नतीजों की जानकारियां आधिकारिक रूप से घोषित होने से पहले प्राइवेट वाट्सएप ग्रुप पर लीक होने के बारे में मीडिया में खबरें आने के बाद सेबी ने पिछले महीने जांच शुरू की थी। रेगुलेटर ने इस संबंध में ब्रोकरों और विश्लेषकों समेत कई लोगों के ठिकानों पर छापे भी मारे थे।
शुरुआती जांच के बाद सेबी ने यह पहला आदेश दिया है। वह आगे और भी आदेश जारी कर सकता है। जांच में पता चला कि वाट्सएप पर लीक हुए आंकड़े एक्सिस बैंक के अप्रैल-जून तिमाही के वित्तीय नतीजों से मिलते हैं। कंपनी के नतीजे 25 जुलाई को शाम 4.23 बजे जारी किये गये थे जबकि वाट्सएप पर आंकड़े उसी दिन सुबह 9.12 ही लीक हो गए थे।
सेबी ने कहा कि इस समय सूचनाएं लीक होने का स्त्रोत तय नहीं किया जा सकता है। लेकिन तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर अनुमान है कि ये जानकारियां एक्सिस बैंक की हैं। शुरुआती जांच में लगता है कि इस तरह की लीकेज सूचीबद्ध कंपनी के तौर पर एक्सिस बैंक के सिस्टम और नियंत्रण में कमी होने के कारण हुई।
रियल्टी ट्रस्टों को प्रोत्साहन देने के लिए रियायतें
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआइटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आइएनवीआइटी) को आकर्षक बनाने के लिए सेबी ने रियायतें दी हैं। ट्रस्ट डेट सिक्योरिटी जारी करके फंड जुटा सकेंगे। इन ट्रस्टों को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध भी किया जा सकेगा। सेबी ने वेबसाइट पर जारी अधिसूचना में कहा है कि ट्रस्टों के विकास को बढ़ावा देने के लिए इनके नियमों में संशोधन किया गया है।