जेपी इन्फ्रा के लिए बोली नहीं लगा सकेगा जेपी ग्रुप, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
30 जुलाई को एनक्लैट ने कर्ज में डूबी जेपी इन्फ्रा के लिए नई बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति देते हुए प्रवर्तक जेपी समूह को इसमें हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड की बोली में शामिल होने की जेपी ग्रुप की याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार को अदालत ने 90 दिन में प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया और कहा कि सिर्फ एनबीसीसी और सुरक्षा रियल्टी से ही संशोधित रिजॉल्यूशन प्लान स्वीकार किए जाएंगे। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ एनक्लैट के फैसले के खिलाफ जेपी समूह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 30 जुलाई को एनक्लैट ने कर्ज में डूबी जेपी इन्फ्रा के लिए नई बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति देते हुए प्रवर्तक जेपी समूह को इसमें हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था।
याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, वह घर खरीदारों, जेपी समूह और संबंधित बैंकों के साथ पूरा न्याय करने के लिए ‘असाधारण स्थिति’ में यह निर्देश दे रही है। पीठ ने आइआरपी को कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया को 90 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया। इसमें से पहले 45 दिन में सुरक्षा रियल्टी और एनबीसीसी से संशोधित रिजॉल्यूशन प्लान मंगाया जा सकेगा।
अदालत ने कहा, ये दोनों जेपी इन्फ्राट्रेक के लिए अंतिम बोली लगाने वालों में थे। दोनों ने पहले भी रिजॉल्यूशन प्लान पेश किया था और अगर जरूरी हो तो वे बातचीत के बाद कर्जदाताओं की समिति के समक्ष अपनी संशोधित योजना पेश करें और अपनी रिपोर्ट एनसीएलटी को सौंपे। एनसीएलटी या एनक्लैट के समक्ष अंतरिम निर्देश के लिए लंबित अर्जी समेत अन्य कोई भी आवेदन इन दो बोलीकर्ताओं से संशोधित योजना स्वीकारने और उस पर आगे बढ़ने की प्रक्रिया में बाधक नहीं होगा।
पीठ ने कहा कि दूसरे चरण की 45 दिन की अवधि 21 दिसंबर से शुरू होगी। इसमें निर्णय करने वाले प्राधिकार को उचित आदेश पारित करने का समय दिया गया है।