रुपये में गिरावट जारी रहेगी, सुधरने में लगेगा अभी वक्त: एसबीआइ रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक रुपये में और अवमूल्यन को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) को बेहद सक्रिय भूमिका निभानी होगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट का सिलसिला आने वाले महीनों में भी जारी रह सकता है। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक रुपये में और अवमूल्यन को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) को बेहद सक्रिय भूमिका निभानी होगी। खास तौर पर अपनी विदेशी मुद्रा प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव करना चाहिए। इस रिपोर्ट से यह बात भी सामने आती है कि चालू कैलेंडर वर्ष में दुनिया के आठ सबसे प्रमुख विकासशील देशों में भारतीय रुपया अवमूल्यन के मामले में चौथे नंबर पर है। डॉलर के मुकाबले ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका की मुद्राओं के बाद सबसे ज्यादा गिरावट भारतीय रुपये में हुई है।
सरकार ज्यादा चिंतित नहीं
यही वजह है कि रिपोर्ट में भारतीय रुपये को एशिया में सबसे तेजी से गिरने वाली मुद्रा के तौर पर बताया गया है। इसने यह सवाल भी उठाया है कि आरबीआइ की तरफ से रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए कदम उठाना जाना चाहिए या नहीं। इसमें कहा गया है कि आरबीआइ की तरफ से मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर रुपये को थामने का विकल्प खुला है लेकिन इस विकल्प के भी दूसरे असर होते हैं। सरकार के रवैये से भी लगता है कि वह बहुत ज्यादा चिंता में नहीं है। वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी के मुताबिक रुपये अपना स्तर स्वयं तलाश लेगा क्योंकि यह गिरावट बाहरी वजहों से ज्यादा है। इसमें घरेलू कारक जिम्मेदार नहीं है। वैसे भी सभी विकासशील देशों की मुद्राओं में गिरावट हो रही है। आने वाले दिनों में इसमें स्थिरता आ जाएगी।