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SBI Report on Agriculture: पंजाब के 24 फीसद तो उत्‍तर प्रदेश के 52 फीसद किसानों को मिला कर्ज माफी का फायदा

SBI Report on benefit of loan waiver एसबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में वर्ष 2018 में लागू कर्ज माफी योजना का फायदा सिर्फ 24 फीसद किसानों को ही मिला है जबकि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में लागू कर्ज माफी योजना का फायदा 52 फीसद किसानों को मिला है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Sun, 17 Jul 2022 06:54 PM (IST)
SBI Report on Agriculture: पंजाब के 24 फीसद तो उत्‍तर प्रदेश के 52 फीसद किसानों को मिला कर्ज माफी का फायदा
SBI Report on benefit of loan waiver: एसबीआइ ने कृषि कर्ज माफी पर एक विशेष रिपोर्ट जारी की है।

नई दिल्‍ली, जागरण ब्‍यूरो। कृषि क्षेत्र को लेकर एसबीआइ ने एक विशेष रिपोर्ट जारी की है। एसबीआइ की रिपोर्ट में वर्ष 2014 के बाद किसानों की कर्ज माफी योजना पर भी अध्ययन शामिल है। इस खास रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब में वर्ष 2018 में लागू कर्ज माफी योजना का फायदा सिर्फ 24 फीसद किसानों को ही मिला है जबकि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में लागू कर्ज माफी योजना का फायदा सिर्फ 52 फीसद किसानों को ही मिल सका है।

सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के किसानों को इस योजना का फायदा मिला है। वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर चुनाव लड़ा था और बाद में सरकार बनने के बाद जो योजना लागू की गई है उससे वहां के सभी सौ फीसद किसानों को फायदा हुआ। दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश है जहां के 92 फीसद किसानों को (वर्ष 2014 में लागू) और तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र (91 फीसद) है जहां हाल ही में सत्ता से बेदखल हुई महाविकास अगाड़ी गठबंधन ने वर्ष 2020 में कर्ज माफी योजना लागू की थी।

जिन राज्यों में कम किसानों को फायदा हुआ है इसके बारे में बैंक ने कहा है कि राज्य सरकारों की तरफ से कर्ज माफी के आवेदन को निरस्त करने, राज्यों की अपनी वित्तीय स्थिति खराब होने और सरकारों के बदलने की वजह से ऐसा हुआ है। बैंक का मानना है कि कर्ज माफी से देश में ऋण देने की व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाती है और सरकार के लिए उत्पादक कार्यों में निवेश करने के लिए कम राशि बचती है।

एसबीआइ ने किसानों की आमदनी दोगुनी होने को लेकर भी रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि कुछ राज्यों में कुछ फसलों के लिए 2017-18 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में किसानों की आय दोगुनी हो गई है। जैसे महाराष्ट्र में सोयाबीन और कर्नाटक में कपास के किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। अन्य सभी मामलों में किसानों की आय में 1.3 से 1.7 गुना की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के मुताबिक गैर-नकद फसल उगाने वालों की तुलना में नकदी फसलों को उपजाने वाले किसानों की आय में अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।