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Q4 में 2.7 फीसद हो सकती है GDP वृद्धि दर, FY22 में 8.5 फीसदी रहने का अनुमान

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आर्थिक प्रदर्शन के लिए आगामी आधिकारिक आंकड़ों के जारी होने से जनवरी-मार्च की अवधि में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होने की संभावना है। वहीं वित्त वर्ष 2022 में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

By Sarveshwar PathakEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 09:09 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 09:45 PM (IST)
Q4 में 2.7 फीसद हो सकती है GDP वृद्धि दर, FY22 में 8.5 फीसदी रहने का अनुमान
Q4 में 2.7 फीसद हो सकती है GDP वृद्धि दर

नई दिल्ली, पीटीआइ। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने Q4 में GDP की वृद्धि को लेकर अनुमान लगाया है। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हमें विश्वास है कि चौथी तिमाही FY22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है। उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 22 के पहली तिमाही के जीडीपी अनुमानों में 20.3 प्रतिशत से एक प्रतिशत की गिरावट अन्य सभी चीजें अपरिवर्तित बनी हुई हैं। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर में 3.8 प्रतिशत तक का अनुमान है।

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अर्थव्यवस्था पर आधिकारिक आंकड़े 31 मई को जारी होने की उम्मीद है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने Q4 GDP को 41.04 लाख करोड़ रुपये और FY22 की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 147.7 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था। हालांकि, इसमें 1.7 प्रतिशत का सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि अपरिवर्तित तिमाही संख्या के साथ Q4 GDP की वृद्धि दर 40 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है, जो CSO के प्रारंभिक अनुमानों से 1 लाख करोड़ रुपये कम है।

उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि Q1, Q2 और Q3 नंबरों में नीचे की ओर एडजेस्टमेंट से Q4 GDP पर अच्छा प्रभाव पड़ सकता है। इसमें कहा गया है कि लिस्टेड कॉरपोरेट्स के मार्च तिमाही के नतीजों के शुरुआती रुझानों ने साल भर पहले की अवधि की तुलना में उच्च इनपुट लागत के कारण ऑपरेटिंग मार्जिन में संकुचन के साथ मापदंडों में बेहतर वृद्धि संख्या दर्ज की है। स्टील, एफएमसीजी, रसायन, आईटी और ऑटो एंसिलरी जैसे क्षेत्रों ने बेहतर वृद्धि दर्ज की, जबकि ऑटोमोबाइल, सीमेंट, पूंजीगत सामान, खाद्य तेल ने मुनाफे में निगेटिव वृद्धि दर्ज की, हालांकि टॉपलाइन में वृद्धि दर्ज की गई।

इस बीच अर्थशास्त्रियों ने कहा कि तेल की कीमतें लंबे समय तक ऊंचे रहने की संभावना नहीं है और उन्होंने कहा कि वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जून की नीति समीक्षा में दरों में फिर से बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं।आरबीआई और सरकार के बीच घनिष्ठ समन्वय का अर्थशास्त्रियों ने महामारी के दौरान उभरने वाली सबसे अच्छी बात करार देकर स्वागत किया।


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