बढ़ सकता है अरुंधती भट्टाचार्या का कार्यकाल, सरकार कर रही है सेवा विस्तार पर विचार
भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य को सरकार एक वर्ष का सेवा विस्तार देने पर विचार कर रही है
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य को सरकार एक वर्ष का सेवा विस्तार देने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि एसबीआई के सहयोगी बैंकों के साथ विलय के प्रस्ताव को देखते हुए भट्टाचार्य को विस्तार मिल सकता है।
मौजूदा समय में एसबीआई की 16,500 ब्रांचेस हैं, जिसमें से 191 विदेशी दफ्तर दुनिया के 36 देशों में हैं। एसबीआई ने सबसे पहले वर्ष 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का अपने साथ विलय कर लिया था और इसके ठीक 2 साल के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का भी इसमें विलय हो गया।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, एकीकरण प्रक्रिया के दौरान निरंतरता बनाए रखने की जरूरत है। सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार एसबीआई की मौजूदा चेयरपर्सन को एक साल का विस्तार देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। भट्टाचार्य का तीन साल का कार्यकाल इस महीने के अंत में खत्म होने जा रहा है।
सरकार को विस्तार के मुद्दे पर बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) के विचार भी मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में आदेश अगले कुछ दिन में जारी किया जा सकता है। एसबीआई ने कहा कि इसके सभी सहयोगी बैंक और बीबीबी का भी इसमें विलय होगा जिससे एसबीआई के एसेट्स में 8 लाख करोड़ की अतिरिक्त वृद्धि होगी।
इससे पहले इसी साल कैबिनेट SBI के सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के उसमें विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एसबीआई के सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल हैं। इनमें से स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर सूचीबद्ध हैं। विलय के बाद एसबीआई का एसेट बेस 37 लाख करोड़ रुपए, कुल शाखाएं 22,500, एटीएम की संख्या 58,000 और तकरीबन 50 करोड़ कस्टमर्स हो जाएंगे।