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जेट संकट: SBI ने चेयरमैन नरेश गोयल और एतिहाद CEO की आपात बैठक बुलाई

सूत्रों के मुताबिक यह बैठक आज बुलाई गई है

By NiteshEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 07:34 PM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 08:34 AM (IST)
जेट संकट: SBI ने चेयरमैन नरेश गोयल और एतिहाद CEO की आपात बैठक बुलाई
जेट संकट: SBI ने चेयरमैन नरेश गोयल और एतिहाद CEO की आपात बैठक बुलाई

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली एतिहाद एयरवेज के सीईओ टोनी डगलस के साथ अन्य कर्जदातओं की तत्काल बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक आज बुलाई गई है, ताकि संकट का सामना कर रही विमानन कंपनी की हालत में सुधार के उपाय निकाले जा सकें।

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यह बैठक एसबीआई के मुंबई स्थित कार्यालय में होगी। जेट एयरवेज में अबू धाबी की विमानन कंपनी एतिहाद की 24 फीसद हिस्सेदारी है। एसबीआई जेट को कर्ज देने वाले बैंकों के समूह की अगुवाई कर रहा है। इस बैठक को लेकर हालांकि आधिकारिक रूप से विमानन कंपनी की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक इसमें गोयल और डगलस मौजूद रहेंगे।

इससे पहले सोमवार को जेट और एतिहाद ने साझा बयान जारी कर कहा था कि वह कर्जदाताओं की तरफ से पेश किए समाधान योजना पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। पिछले 25 सालों से काम कर रही जेट एयरवेज इन दिनों वित्तीय संकट का सामना कर रही है और इससे निपटने के लिए फंडिंग के तरीके तलाश रही है। अधिकारियों ने कहा कि गोयल एतिहाद की उस मांग पर सहमत नहीं हो रहे हैं, जिसमें उन्हें उनके शेयरों को गिरवी रखे जाने का प्रस्ताव है ताकि फंड का प्रावधान किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि विवाद की एक और वजह है। एतिहाद चाहती है कि गोयल, जेट एयरवेज के प्रोमोटर बने रहें लेकिन बोर्ड में उनका कोई प्रतिनिधि नहीं होगा और प्रबंधन पर कोई नियंत्रण नहीं होगा।

14 फरवरी को जेट एयरवेज के बोर्ड ने बैंकों की तरफ से पेश किए गए समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी, जिसके मुताबिक कर्जदाता कंपनी में सबसे बड़े हिस्सेदार होंगे। इसके साथ ही शेयरहोल्डर्स ने लोन को शेयरों में बदले जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी थी।

सोमवार को एसबीआई ने उन खबरों को खारिज कर दिया था, जिसमें कर्ज की वसूली के लिए जेट एयरवेज को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में ले जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाने की बात कही गई थी। हालांकि अधिकारियों की माने तो एसबीआई अगर अपने कर्ज की वसूली के लिए अन्य विकल्पों के इस्तेमाल में कामयाब नहीं होती है, तो वह एनसीएलटी का रास्ता ले सकती है। 


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