सारधा घोटाले की जांच को बनेगी एसआइटी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सारधा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर सीबीआइ ने कमर कस लिया है। दस हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच के लिए उसने जल्द एक विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने का फैसला किया है। सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा, 'कानूनी औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा कर हम
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सारधा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर सीबीआइ ने कमर कस लिया है। दस हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच के लिए उसने जल्द एक विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने का फैसला किया है। सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा, 'कानूनी औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा कर हम एसआइटी का गठन करेंगे।' वहीं इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जुलाई तक अपनी पहली चार्जशीट कोर्ट के समक्ष दाखिल कर सकता है। अभी तक की जांच में कुछ बड़े नेताओं और सारधा समूह के अधिकारियों के बीच 700-800 करोड़ रुपये के लेनदेन के सुबूत ईडी के हाथ लगे हैं।
सीबीआइ के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एसआइटी गठन के अलावा इस घोटाले में बाजार नियामक सेबी, कंपनी रजिस्ट्रार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की भूमिका की भी जांच की जाएगी। सूत्रों के अनुसार घोटाले से संबंधित सभी दस्तावेजों को पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम की सरकारों से हासिल करने का काम शुरू कर दिया गया है और इसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। ध्यान रहे कि अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी, कंपनी रजिस्ट्रार और रिजर्व बैंक की भूमिका पर सवाल उठाया था। न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने शुक्रवार को कहा था, 'अभी तक की जांच से सेबी, कंपनी रजिस्ट्रार और रिजर्व बैंक की भूमिका पर सवालिया निशान लगा है। क्योंकि मामला इनके अधिकार क्षेत्र का होने के बावजूद सारधा समूह ने बड़े पैमाने पर घोटाला किए।' अदालत ने घोटाले की जद में आने वाले राज्यों बंगाल, ओडिशा और असम की पुलिस से जांच में सीबीआइ का सहयोग करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने सीबीआइ से कहा कि वह सारधा और घोटाले में लिप्त ओडिशा की 44 कंपनियों की गहराई से जांच करे। वहीं जांच से जुड़े ईडी के एक अधिकारी ने बताया, 'हम जुलाई में पहली चार्जशीट दाखिल करने जा रहे हैं। यह चार्जशीट अभी तक हुई जांच और घोटाले में लिप्त कुछ नेताओं और सांसदों से पूछताछ पर आधारित होगी। इसे एक सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। जांच के क्रम में हमने कुछ नेताओं और सारधा समूह के बीच हुए 700-800 करोड़ रुपये के गैरकानूनी लेनदेन का पता भी लगा लिया है।' ध्यान रहे कि पिछले वर्ष के शुरू में सारधा चिटफंड घोटाला सार्वजनिक हुआ था। इस समूह की कंपनियों ने अपनी आकर्षक निवेश योजनाओं के जरिये बंगाल, ओडिशा और असम के निवेशकों से दस हजार करोड़ रुपये की ठगी की। मामला उजागर होने पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत केस दर्ज जांच शुरू कर दी। इस दौरान ईडी अधिकारियों ने बंगाल, ओडिशा और असम के कई नेताओं व सांसदों से पूछताछ की।