समय के साथ पुरुषों महिलाओं के वेतन में बढ़ जाता है अंतर
भारतीय आइटी उद्योग में पुरुषों और महिलाओं के वेतन के बीच समय के साथ अंतर बढ़ता जाता है। बावजूद इसके कि दोनों एक साथ समान पद और वेतन से नौकरी शुरू करते हैं। एक अध्ययन में यह बात कही गई है।
नई दिल्ली। भारतीय आइटी उद्योग में पुरुषों और महिलाओं के वेतन के बीच समय के साथ अंतर बढ़ता जाता है। बावजूद इसके कि दोनों एक साथ समान पद और वेतन से नौकरी शुरू करते हैं। एक अध्ययन में यह बात कही गई है। यह ऐसे समय आया है जब हाल ही में महिलाओं की वेतनवृद्धि पर माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के सीईओ सत्य नडेला ने भूलवश दिए अपने बयान पर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि महिलाओं को वेतनवृद्धि के लिए नहीं कहना चाहिए। अलबत्ता उन्हें इसके लिए अच्छे कर्मो पर भरोसा रखना चाहिए।
अमेरिकी के कैटलिस्ट समूह की फर्म कैटलिस्ट इंडिया डब्ल्यूआरसी के अध्ययन के अनुसार भारतीय आइटी कंपनियों में वेतनवृद्धि के मामले में वक्त बीतने के साथ पुरुषों की तुलना में महिलाएं बहुत पीछे छूट जाती हैं। दोनों की 12 साल की नौकरी में यह अंतर करीब 3.8 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। अध्ययन में कहा गया है कि फर्मो को इस अंतर को दूर करने के लिए अपनी ओर से आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
कैटलिस्ट इंडिया डब्ल्यूआरसी में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शचि इर्डे मानती हैं कि जो कुछ महिलाओं के लिए अच्छा है, वह पुरुषों, व्यवसाय, अर्थव्यवस्था और समाज के लिए भी अच्छा है। दुनिया भर में कई बड़ी कंपनियों को परामर्श देने वाली निलोफर मर्चेट ने कहा कि वेतन में समानता महत्वपूर्ण है। लेकिन, इससे भी महत्वपूर्ण ऐसे नियमों को तैयार करना है जहां महिलाओं को पुराने घिसे-पिटे पुरुष प्रधान नियमों के तहत काम न करना पड़े।