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S&P Global Ratings ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए घटाया भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

SP Global Ratings ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अर्थव्यवस्था में रिकवरी को धीमा कर सकती है। एजेंसी ने मार्च में अर्थव्यवस्था के तेजी से खुलने व आर्थिक प्रोत्साहनों को देखते हुए मौजूदा वित्तवर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 11 फीसद व्यक्त किया था।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 01:56 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:44 AM (IST)
S&P Global Ratings ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए घटाया भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
S&P Global Ratings P C : Flickr

नई दिल्ली, पीटीआइ। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने बुधवार को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाकर 9.8 फीसद कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अर्थव्यवस्था में रिकवरी को धीमा कर सकती है। इस यूएस बेस्ड रेटिंग एजेंसी ने मार्च में अर्थव्यवस्था के तेजी से खुलने व आर्थिक प्रोत्साहनों को देखते हुए अप्रैल 2021 से मार्च 2022 वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 11 फीसद व्यक्त किया था।

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एसएंडपी ने इस समय भारत को स्थिर दृष्टिकोण के साथ ''BBB-'' रेटिंग दी हुई है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्थआ में सुस्ती की गहराई भारत की सॉवरेन क्रेडिट प्रोफाइल पर इसके प्रभाव को निर्धारित करेगी।

बता दें कि हाल ही में वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) और वैश्विक ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज (Barclays) ने भी वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती की है। गोल्डमैन ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 11.1 फीसद कर दिया है। भारत के कई राज्यों और शहरों में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए आंशिक व पूर्ण लॉकडाउन के चलते गोल्डमैन ने अपने अनुमान को घटाया है।

गोल्डमैन ने कहा, 'हमने वित्त वर्ष 2022 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को पहले के 11.7 फीसद से घटाकर 11.1 फीसद कर दिया है। साथ ही हमरा कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए वृद्धि का अनुमान  9.7 फीसद है।'

वहीं, वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार और कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण दर व मरने वाले लोगों की तेजी से बढ़ती संख्या से उत्पन्न हुई अनिश्चितता के कारण बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को पहले के 11 फीसद से घटाकर 10 फीसद कर दिया है। 

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि अगर मौजूदा स्थानीय लॉकडाउन जून तक चलता है, तो इससे 38.4 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा। बार्कलेज ने चेताते हुए कहा कि महामारी के अधिक निराशावादी परिदृश्य में अगर शीघ्र ही नियंत्रण नहीं पाया जा सका और आवाजाही पर अगस्त तक प्रतिबंध जारी रहे, तो ग्रोथ रेट गिरकर 8.8 फीसद तक आ सकती है।


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