राजकोषीय स्थिति में सुधार, अगस्त में सालाना लक्ष्य का 94.7 फीसद पहुंचा
पिछले वित्त वर्ष के इसी पांच महीनों के दौरान राजकोषीय घाटा 96.1 फीसद था। इसके पीछे मुख्य वजह बेहतर व्यय प्रबंधन रही।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश का राजकोषीय घाटा अप्रैल-अगस्त की अवधि में 5.91 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पूरे वर्ष की अवधि का 94.7 फीसद है। नियंत्रक जनरल ऑफ अकाउंट्स (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के इसी पांच महीनों के दौरान राजकोषीय घाटा 96.1 फीसद था। इसके पीछे मुख्य वजह बेहतर व्यय प्रबंधन रही।
इस साल अगस्त तक, सरकार का कुल व्यय 10.70 ट्रिलियन (बजट अनुमानों का 43.85 फीसद) रहा, जबकि कुल प्राप्ति 0.0479 बिलियन (बजट अनुमानों का 26.38 फीसद) हुई।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस अवधि तक सरकार की ओर से करों के हिस्से के विभाजन के रूप में राज्यों को 2,67,302 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए, जोकि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 26,390 करोड़ रुपये अधिक है। कुल व्यय में 9.38 लाख करोड़ राजस्व खाते के थे जबकि पूंजीगत खाते पर 1.32 लाख करोड़ रुपये थे।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कुल राजस्व व्यय 2,19,111 करोड़ रुपये रहा, जबकि 1,70,617 करोड़ रुपये सब्सिडी मद में व्यय हुआ।
सरकार ने कहा कि प्राप्ति में 3.66 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व से, 98,332 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व से और 15,020 करोड़ रुपये गैर-कर्ज पूंजीगत प्राप्ति से मिले।
गैर-कर्ज पूंजीगत प्राप्ति में कर्ज वसूली से 5,5596 करोड़ रुपये और सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश से 9,424 करोड़ रुपये आए।